जनता को बंट रही मुफ्त रेवड़ी पर बीजेपी ने साधा निशाना, विपक्ष ने उठाया अमीरों को मिल रही मुफ्त गजक का मुद्दा, अब रेवड़ी और गजक का सियासी बाजार गर्म

रेवड़ी विवाद में गजक की एंट्री जनता को बंट रही मुफ्त रेवड़ी पर बीजेपी ने साधा निशाना, विपक्ष ने उठाया अमीरों को मिल रही मुफ्त गजक का मुद्दा, अब रेवड़ी और गजक का सियासी बाजार गर्म

Anupam Tiwari
Update: 2022-08-12 11:59 GMT
जनता को बंट रही मुफ्त रेवड़ी पर बीजेपी ने साधा निशाना, विपक्ष ने उठाया अमीरों को मिल रही मुफ्त गजक का मुद्दा, अब रेवड़ी और गजक का सियासी बाजार गर्म

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र की ओर से मुफ्त रेवड़ी वाले बयान पर हंगामा थमने का नाम नहीं ले रहा है। एक तरफ मुफ्त वाली स्कीम का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है तो वहीं दूसरी तरफ मुफ्त रेवड़ी को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। बीजेपी की ओर से चुनाव के दौरान मुफ्त वाली स्कीम को जहां मुफ्त रेवड़ी बताया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियों की ओर से यह कहकर बचाव किया जा रहा है कि अमीरों को मुफ्त में दिए देने वाले गजक पर बहस कब होगी? यानी अमीरों के कर्ज माफी पर सवाल उठाया जा रहा है। इस मामले को लेकर कांग्रेस व आप दोनों मिलकर बीजेपी को घेर रहे हैं। तो वहीं बीजेपी विपक्षी को मुफ्त रेवड़ी बांटने का आरोप लगाकर मामले को तूल देने में पीछे नहीं हट रही है।

विपक्षी दलों ने जताया ऐतराज

पीएम मोदी के मुफ्त रेवड़ी वाले बयान के बाद विपक्षी दलों ने बीजेपी पर जमकर हमला बोला। आम आदमी पार्टी व कांग्रेस ने मुफ्त की रेवड़ी शब्द पर विरोध जताते हुए नसीहत दी है। उधऱ बीजेपी मुफ्त रेवड़ी व जनकल्याणकारी योजनाओं को लेकर अंतर बता रही है। बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए काम करना बेनिफिट के दायरे में आता है। जबकि मुफ्त की रेवड़ियां कुछ समय के लिए ही लोगों को फायदा पहुंचाता है। बीजेपी प्रवक्ता ने आम आदमी पार्टी को घेरते हुए कहा कि मुफ्त की रेवड़ियों से केवल आप व केजरीवाल को फायदा होता है।

पात्रा ने आप पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में एक स्कीम पर 19.5 करोड़ रुपए खर्च किए। जिसमें दिल्ली सरकार ने सिर्फ 2 लोगों को कुल मिलाकर 20 लाख रूपए का कर्ज दिया है। पात्रा ने केजरीवाल को घेरते हुए कहा कि अरविंद केजरीवाल का लक्ष्य है-आप। इसलिए वह झूठ पर झूठ परोसते जा रहे हैं। संबित पात्रा ने कहा कि केजरीवाल की तरफ से दावा किया जाता है कि कॉर्पोरेट्स को फायदा पहुंचाया जाता है। ऐसे में वह इन आंकड़ों को देख लें। साल 2018-19 में सरकार को कॉर्पोरेट टैक्स के तौर पर 6.63 लाख करोड़ रुपये मिले थे। वहीं 2021-22 में कोरोना महामारी के बावजूद 7.1 लाख करोड़ रुपये कॉर्पोरेट टैक्स के रूप में मिले।

आम आदमी पार्टी का पलटवार

आम आदमी पार्टी ने मुफ्त रेवड़ी शब्द पर सख्त ऐतराज किया है और बीजेपी पर जमकर निशाना साधा है। राज्यसभा सांसद ने शुक्रवार को सरकार पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपने मित्रों का 11 लाख करोड़ रूपए कर्ज माफ किया है। संजय सिंह ने आरोप लगाया है कि जबसे केजरीवाल ने मोदी सरकार की असलियत जनता के सामने रखी है, तभी से इनके बड़े-बड़े मंत्री बौखला गए हैं और उनके पास कोई जवाब नहीं है।

आम आदमी पार्टी ने केंद्र को घेरते हुआ कहा कि अपने मित्रों का 11 लाख करोड़ रूपए का कर्ज माफ कर दिया जाता है लेकिन जब गरीब जनता की बारी आती है तो दूध पर टैक्स, दही पर टैक्स, पेट्रोल पर टैक्स, दवाओं पर टैक्स बढ़ा दिया जाता है। ऐसा क्यों करते हैं? संजय सिंह ने कहा बीजेपी बार-बार करोड़ों जनता का यह कह कर अपमान कर रही है कि तुमको मुफ्त रेवड़ी दी जाती है। संजय सिंह ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री जी, उसी जनता के पैसे से आप 11 करोड़ की गाड़ी से घूमते हैं, हवाई जहाज में उड़ते हैं।

कांग्रेस का बीजेपी पर निशाना

कांग्रेस ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला और कहा कि अमीरों को दी जाने वाली गजक पर कब बात होगी? कांग्रेस ने सवाल किया कि अगर गरीबों को सुविधा देना रेवड़ी हैं तो फिर अमीरों को दी जाने वाली सुविधा गजक कैसे अच्छी हो गई। कांग्रेस प्रवक्ता गौरव बल्लभ ने कहा कि देश की सरकार को मुफ्त की रेवड़ियां तो दिखती है लेकिन जो मुफ्त की गजक बंट रही है वो क्यों नहीं दिख रही?  गौरव बल्लभ ने मोदी सरकार को घेरते हुए कहा कि रेवड़ी गुड़, चाशनी, तिल और घी के मिश्रण से बनती है। उस एक मिश्रण से, जिससे एक गजक बनती है, उसमें सैकड़ों रेवड़ियां बन जाती हैं। अगर मुफ्त की रेवड़ियां खराब हैं तो मोदी जी मुफ्त की गजक कैसे अच्छी हो गई? गौरतलब है कि देश कि सियासत में इन दिनों मुफ्त रेवड़ी बड़ा मुद्दा बन चुका है।


 

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