PM Modi's Bangladesh Speech: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मांगी माफी, बोले-जल्दबाजी में बयान दिया

PM Modi's Bangladesh Speech: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मांगी माफी, बोले-जल्दबाजी में बयान दिया

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-27 09:58 GMT
PM Modi's Bangladesh Speech: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मांगी माफी, बोले-जल्दबाजी में बयान दिया

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह से जुड़े बयान पर टिप्पणी के लिए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने माफी मांगी है। थरूर ने अपनी गलती मानते हुए कहा, सॉरी जब मैं गलत होता हूं तो इसे स्वीकारने में मुझे बुरा नहीं लगता है। कल मैंने जल्दबाजी में हेडलाइन और ट्वीट पढ़कर प्रतिक्रिया दी थी। हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया। जिसका मतलब था कि नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी के योगदान को नहीं बताया, लेकिन उन्होंने इसका जिक्र किया। सॉरी।

 

क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पीएम मोदी शुक्रवार को बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस की स्वर्ण जयंती और बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के अवसर पर ढाका में आयोजित मुख्य समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान पीएम मोदी ने बांग्लादेश की आजादी के लिए सत्याग्रह करने और जेल जाने की बात की थी। पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के भी महत्वपूर्ण भूमिका और प्रयास का भी जिक्र किया था। हालांकि थरूर को लगा कि पीएम मोदी ने अपने भाषण में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के योगदान का जिक्र नहीं किया है।

शशि थरूर ने क्या था ट्वीट
इसके बाद थरूर ने ट्वीट किया था, हमारे प्रधानमंत्री बांग्लादेश को भारतीय फर्जी खबर का स्वाद चखा रहे हैं। हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया। थरूर का इशारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की ओर था। हालांकि जब उन्हें बाद में पता चला कि पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी का जिक्र किया था, तो उन्होंने अपने किए पर तुरंत माफी भी मांग ली। उन्होंने लिखा, "सॉरी जब मैं गलत होता हूं तो इसे स्वीकारने में मुझे बुरा नहीं लगता है।"

 

क्या कहा था पीएम मोदी ने?
पीएम मोदी ने कहा था, बांग्‍लादेश के स्‍वाधीनता संग्राम को भारत के कोने-कोने से, हर पार्टी से, समाज के हर वर्ग से समर्थन प्राप्‍त था। तत्‍कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी जी के प्रयास और उनकी महत्‍वपूर्ण भूमिका सर्वविदित है। उसी दौर में 6 दिसंबर 1971 को अटल बिहारी वाजपेयी जी ने कहा था कि हम न केवल मुक्ति संग्राम में अपने जीवन की आहूति देने वालों के साथ लड़ रहे हैं, हम इतिहास को भी एक नई दिशा देने के लिए प्रयत्न कर रहे हैं।

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