जानिए, आखिर क्यों तमिलनाडु के शिक्षाविदों ने स्कूली छात्रों के लिए NAS परीक्षा की आलोचना की

राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण जानिए, आखिर क्यों तमिलनाडु के शिक्षाविदों ने स्कूली छात्रों के लिए NAS परीक्षा की आलोचना की

IANS News
Update: 2021-10-18 17:00 GMT
जानिए, आखिर क्यों तमिलनाडु के शिक्षाविदों ने स्कूली छात्रों के लिए NAS परीक्षा की आलोचना की

डिजिटल डेस्क, चेन्नई। तमिलनाडु में शिक्षाविद् कक्षा तीसरी, पांचवीं, आठवीं और दसवीं के छात्रों के लिए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस) कराने के राज्य सरकार के कथित कदम के खिलाफ सामने आए हैं। बच्चों के सीखने के कौशल का आकलन करने के उद्देश्य से यह सर्वेक्षण 12 नवंबर को होने वाला है। हालांकि शिक्षकों, शिक्षाविदों और अभिभावकों ने तमिलनाडु में एनएएस परीक्षा आयोजित करने के कदम का विरोध किया है।

कन्याकुमारी जिले के एक निम्न प्राथमिक राजकीय स्कूल के शिक्षक कुमारदास ने आईएएनएस को बताया, चूंकि छात्रों ने दो साल गंवाए हैं, वे परीक्षा में संख्यात्मक और भाषाई कौशल में असफल हो जाएंगे। कक्षाएं एक या दो महीने और चलने दें और फिर परीक्षा आयोजित करें। तब छात्र अपनी काबिलियत साबित कर सकेंगे। तमिलनाडु भर के कई शिक्षाविदों ने इसी तरह के विचार व्यक्त किए हैं। इरोड में एक स्कूल के मालिक बीजू दास ने कहा, छात्र अभी इस तरह के टेस्ट के लिए तैयार नहीं हैं। मैं यह नहीं कह रहा हूं कि हमें परीक्षा आयोजित नहीं करनी चाहिए। लेकिन हमें बच्चों को ऑफलाइन कक्षाओं के आदी होने के लिए समय देना चाहिए।

शिक्षा विभाग के सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि तमिलनाडु में प्रत्येक जिले के 200 स्कूलों में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण किया जाएगा और ब्लॉक रिसॉर्स टीचर एजुकेटर्स (बीआरटीई) टेस्ट का आयोजन कराएंगे। हालांकि, अधिकांश स्कूल शिक्षक इस बात से नाराज हैं कि प्राथमिक स्कूलों के फिर से खुलने के तुरंत बाद एनएएस का आयोजन किया जा रहा है। उनके अनुसार, छात्र मूल बातें भी भूल गए हैं और स्कूलों के फिर से खुलने के तुरंत बाद कौशल परीक्षा आयोजित करने से वांछित परिणाम नहीं मिलेंगे।

कोयंबटूर में एक प्राथमिक विद्यालय की शिक्षिका राजेश्वरी मुरुगानंदन ने आईएएनएस को बताया, हमारे अनुभव में, कई बच्चे न तो ऑनलाइन कक्षाओं में ठीक से उपस्थित हो रहे थे और न ही स्कूलों के पूरी तरह से खुलने के बाद वे उचित शैक्षणिक और स्कूली शिक्षा के मूड में रहे हैं। इसलिए, बच्चों को स्कूल के साथ तालमेल बिठाने के लिए एक या अधिक महीनों की आवश्यकता होगी। उसके बाद एनएएस आयोजित करने से वांछित परिणाम प्राप्त होंगे। सरकार को फिलहाल इससे पीछे हटना चाहिए।

कई माता-पिता भी 1 नवंबर को स्कूलों के फिर से खुलने के तुरंत बाद अपने बच्चों के कौशल परीक्षण को लेकर खुश नहीं हैं। कोयंबटूर में एक टिम्बर व्यापारी, खादर कासिम, जिनका बेटा शहर के एक प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहा है, ने आईएएनएस को बताया, बच्चे कक्षाओं में जाने के लिए मानसिक रूप से भी तैयार नहीं हैं, परीक्षा में भाग लेना तो दूर की बात है। सबसे पहले, एक प्रणाली होनी चाहिए और फिर हम परीक्षा आयोजित कर सकते हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पहले घोषणा की थी कि एनएएस पूरे देश में आयोजित किया जाएगा। इससे पहले, एनएएस 2017, 2018 में आयोजित किया गया था और सरकार इसे 2021 में 12 नवंबर को फिर से आयोजित करने की योजना बना रही है।

(आईएएनएस)

Tags:    

Similar News