महाराष्ट्र सियासत: उगता सूरज या चाय का प्याला- क्या होगा शरद पवार की नई पार्टी का चुनाव चिन्ह? नए नामों के लिए ये हैं सुझाव

  • शरद पवार ने पार्टी के नामों का प्रस्ताव भेजा
  • उगता सूरज, चाय का प्याला शरद गुट का हो सकता है पार्टी चिन्ह
  • महाराष्ट्र में अजित पवार और शरद पवाट गुट के जुबानी जंग हुई तेज

Dablu Kumar
Update: 2024-02-07 13:09 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अजित पवार गुट के 'असली' एनसीपी घोषित होने के बाद बुधवार को शरद पवार गुट ने चुनाव आयोग को नई पार्टी के तीन नाम और चिन्ह सौंपे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, शरद गुट ने पोल पैनल के आदेश पर नई पार्टी के लिए नाम और निशान चुनाव आयोग को भेजे हैं। प्रतीक के रूप में शरद गुट ने 'चाय का कप', 'उगला सूरज' और 'सूरजमुखी का फूल' के ऑप्शन भेजे हैं। वहीं, शरद गुट ने पार्टी के नाम के तौर पर 'शरद स्वाभिमानी', 'शरद पवार कांग्रेस' और 'एमआई राष्ट्रवादी' जैसे नाम प्रस्ताव रखा है।

इससे पहले 6 फरवरी को शरद पवार गुट को चुनाव आयोग से बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग ने अजित पवार गुट को असली एनसीपी करार दिया। इसी के साथ अजित पवार गुट को शरद पवार की पार्टी का चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम दोनों मिल गया। साथ ही, मंगलवार को चुनाव आयोग ने शरद पवार गुट से पार्टी के तीन नाम और चुनाव चिन्ह भी देने को कहा। जिसके बाद आज शरद पवार गुट ने पार्टी के तीन नाम और चुनाव चिन्ह सुझाव के तौर पर दिए हैं। जिस पर अगले कुछ दिनों में बड़ा फैसला होने वाला है। इलेक्शन कमीशन के फैसले पर शरद पवार गुट की ओर से तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली थी। शरद पवार गुट ने EC के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई है। इधर, अजित पवार गुट भी शरद पवार गुट से सुप्रीम कोर्ट में टक्कर लेने के लिए तैयार बैठे हैं। 

शरद पवार गुट और अजित पवार गुट में असली शिवसेना कौन है? इसे लेकर छह महीने से ज्यादा समय तक खींचतान चला। इसके बाद मंगलवार को 10 से अधिक सुनवाई के बाद चुनाव आयोग ने अपना अंतिम फैसला सुनाया। जिसमें अजीत पवार के पक्ष में फैसला आया। चुनाव आयोग ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) करीब छह महीने बाद बड़ा फैसला सुनाया है।

 जानें पूरा मामला

पिछले साल जुलाई महीने में अजित पवार अपनी पार्टी के 40 विधायकों के साथ महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे। इसके बाद गठबंधन सरकार में उन्हें उप मुख्यमंत्री बनाया गया। शरद से बगावत के बाद अजित पवार ने दावा किया था कि पार्टी का बहुमत उनके पास है। ऐसे में पार्टी का नाम और सिंबल उनके पास ही रहना चाहिए। इसके बाद शरद पवार ने पार्टी छोड़कर जाने वाले 9 मंत्रियों समेत 31 विधायकों को अयोग्य करने की मांग की थी।

Tags:    

Similar News