अतीक के बाद मुख्तार: पूर्वांचल की राजनीति से खत्म हुआ दो माफियाओं का अध्याय

  • मुख्तार अंसारी की जेल में मौत
  • अहमद की गोलियों से की हत्या
  • इलाके में दोनों का था दबदबा

ANAND VANI
Update: 2024-03-29 10:56 GMT

डिजिटल डेस्क,लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बीते एक साल में पूर्वांचल की राजनीति में धाक बनाए आतंक, गैंगस्टर,माफिया डॉन के दो चैप्टर समाप्त हो गए। अब इस इलाके की राजनीति से अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी के आतंक का खात्मा हो गया है।आपको बता दें बीते साल अतीक अहमद की अस्पताल ले जाते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी वहीं मुख्तार अंसारी की जेल में मौत हो गई।

आपको बता दें माफिया से डॉन फिर राजनेता बने दोनों का ही नाम यूपी में खौफ का दूसरा नाम था। इनके बिना यहां की राजनीति हिलती डुलती नहीं थी। कहा जाता है कि अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी का इलाके में ऐसा दबदबा या रौंब था कि बिना इनकी मर्जी के वहां पत्ता भी नहीं हिलता था। 

पूर्वांचल में मुख्तार अंसारी तो दक्षिणी यूपी प्रयागराज और आसपास के इलाकों में अतीक अहमद का सिक्का चलता था। इनरे इशारे पर ही यहां हर काम होता था। देश के सबसे बड़े राज्य यूपी में सत्ता बदली तो इनका अंत भी हो गया। 

खबरों के मुताबिक बांदा जेल में बंद पूर्व विधायक और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की गुरुवार देर रात अचानक तबियत खराब हो गई थी। उल्टी और बेहोशी की हालत में अंसारी को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वॉर्ड लाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।  मौत से करीब एक हफ्ते पहले मुख्तार अंसारी ने अदालत से गुहार लगाई थी कि उसे धीमा जहर दिया जा रहा है।  

अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या उस दौरान हुई जब पुलिस उसकी मेडिकल जांच कराने के लिए अस्पताल लेकर जा रही थी। उसी दौरान तीन हमलावरों ने हमला कर दिया जिसमें अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की मौत हो गई थी। हमले के वक्त अहमद और अशरफ की सुरक्षा में 19 पुलिसकर्मी तैनात थे। 

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