विधानसभा चुनाव 2023: राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में बीजेपी कांग्रेस के बीच होता है मुख्य मुकाबला

  • हनुमानगढ़ जिले में सिंधु घाटी की सभ्यता की झलक
  • पांच विधानसभा सीट संगरिया,हनुमानगढ़,पीलीबंगा,नोहर ,भादरा
  • मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच

ANAND VANI
Update: 2023-10-28 11:18 GMT

डिजिटल डेस्क, जयपुर। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले में विधानसभा की पांच विधानसभा सीट संगरिया,हनुमानगढ़,पीलीबंगा,नोहर और भादरा विधानसभा सीट है। हनुमानगढ़ जिले में सिंधु घाटी की सभ्यता के पुरातत्व अवशेष मिले है।  हनुमानगढ़  को लेकर कहा जाता है कि प्राचीन समय में यहां नहरें, सड़क, और बड़े बड़े किले थे। हनुमानगढ़ जिले में प्राचीन समय के हवेलिया, संस्क्रति, इतिहास सौंदर्य की झलक देखने को मिलती है। हनुमानगढ़ जिला देश प्रेम एकता के लिए भी जाना जाता है।

संगरिया विधानसभा सीट

2018 में बीजेपी से गुरदीप सिंह

2013 में बीजेपी से कृष्ण केड़वा

2008 में कांग्रेस से परम नवदीप

2003 में बीजेपी से ओपी महेंद्र

1967 में बनी संगरिया विधानसभा से पहले विधायक कांग्रेस के बीरबलराम रहे थे, अब तक हुए 11 विधानसभा चुनावों में सात बार कांग्रेस, दो बार भाजपा, एक बार माकपा और एक बार निर्दलीय ने जीत दर्ज की है। इसे बीजेपी का मजबूत गढ़ माना जाता है, यहां पिछले दो चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज की थी।

हनुमानगढ़ विधानसभा सीट

2018 में कांग्रेस से विनोद

2013 में बीजेपी से राम प्रताप

2008 में कांग्रेस विनोद

2003 में बीजेपी से रामप्रताप

यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच होता है, हनुमानगढ़ विधानसभा सामान्य सीट  है। 

पीलीबंगा विधानसभा सीट

2018 में बीजेपी से धर्मेंद्र मोची

2013 में बीजेपी से विनोद कुमार गोदवाल

2008 में कांग्रेस से विनोद कुमार

2003 में बीजेपी से धर्मेंद्र कुमार

पीलीबंगा एससी आरक्षित सीट है। सीट पर बीजेपी हैट्रिक लगाने की फिराक में है। पीलीबंगा में किसी एक राजनैतिक दल का दबदबा नहीं है। क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। पीलीबंगा में सरस्वती नदी घाटी सभ्यता का केन्द्र रहा है। और यहां से मात्र 5 किलोमीटर दूर स्थित कालीबंगा सभ्यता के पुरातात्विक स्थल पाए गए। आपको बता दें कालीबंगा सभ्यता  विश्व की प्राचीन सभ्यताओं में शुमार है।  पीलीबंगा विधानसभा क्षेत्र का गठन 1977 में हुआ था। और 2008 में  सीट को आरक्षित किया गया था।

नोहर विधानसभा सीट

2018 में कांग्रेस से अमित

2013में बीजेपी से अभिषेक मटोरिया

2008 में बीजेपी से अभिषेक मटोरिया

2003 में निर्दलीय बहादुर सिंह

नोहर सामान्य सीट है, विधानसभा क्षेत्र जाट बाहुल्य है, सीट पर जाट समुदाय के वोटर्स का दबदबा है। जाट समुदाय ही हार जीत का फैसला करते है। जाट के बाद मुस्लिम, बनिया और ओबीसी मतदाता भी अहम भूमिका निभाते है। क्षेत्र में समस्याओं की बात की जाए तो सड़क, पानी, शिक्षा और स्वास्थ्य की समस्याएं देखने को मिलती है।

भादरा विधानसभा सीट

2018 में सीपीआई (एम) से बलवान

2013 में बीजेपी से संजीव कुमार

2008 में निर्दलीय जयदीप

2003 में बीजेपी से अशोक नागपाल

2018 के विधानसभा चुनाव में ये सीट सीपीआई के खाते में आई, कांग्रेस यहां तीसरे नंबर पर आई थी। यहां सीपीआई , बीजेपी और कांग्रेस के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला। यहां किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है, कई चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत ने मुख्य राजनैतिक दलों के रंग उड़ा दिए है। 

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