नाथ की छुट्टी: कांग्रेस ने कमलनाथ को एमपी प्रदेश अध्यक्ष पद से क्यों हटाया? पांच प्वाइंट से समझें

    Raj Singh
    Update: 2023-12-17 05:19 GMT

    डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस आलाकमान ने बड़ा फेरबदल करते हुए प्रदेश अध्यक्ष की कमान जीतू पटवारी को सौंप दी है। अब इसे लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। हाल ही में हुए एमपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस को इस बार उम्मीद थी कि वो प्रदेश की सत्ता पर काबिज होगी लेकिन पार्टी ने पिछले चुनाव से भी निराशाजनक प्रदर्शन किया। जिसका गाज अब कमलनाथ पर गिरा है। कमलनाथ की देख रेख में ही कांग्रेस पार्टी चुनावी मैदान में उतरी थी। लेकिन उसका असर चुनाव नतीजों में नहीं देखा गया।

    हाल ही में ऐसी संभावना जताई जा रही थी कि कमलनाथ जब राजधानी दिल्ली गए हुए थे उस वक्त उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़े और राहुल गांधी से मुलाकात की थी। जिसमें खड़गे ने नाथ से कहा था कि प्रदेश के नेताओं का कहना है कि आप एमपी के प्रदेश अध्यक्ष से इस्तीफा दे दें। लेकिन ये बात कभी भी खुलकर सामने नहीं आई थी। हालांकि बीती रात को कांग्रेस आलाकमान से एक लेटर जारी हुआ जिसमें नाथ को हटाकर जीतू पटवारी को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंप दी गई। अब सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कमलनाथ को इस पद से शीर्ष नेतृत्व ने क्यों बेदखल कर दिया। तो आइए पांच प्वाइंट्स में आपको समझाते हैं।

    नाथ को हटाने के पीछे की वजह? 

    • सबसे पहला कारण रहा कि कमलनाथ के नेतृत्व में आलाकमान को विश्वास था कि वो एमपी की सत्ता में जीत दिला पाएंगे लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उल्टा साल 2018 से भी बुरी स्थिति में चली गई कांग्रेस।
    • दूसरा- कांग्रेस पार्टी अब मध्य प्रदेश में युवाओं को आगे करना चाहती है ताकि बीजेपी से लड़ा जा सके। अगर वो कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को आगे लेकर जाती है तो उसका यहां अस्तिव खतरे में पड़ सकता है।
    • तीसरा- सबसे बड़ा कारण है कि एमपी में कांग्रेस परिवारवाद को खत्म करने की कोशिश में लगी हुई है क्योंकि एमपी की सियासत कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के रिश्तेदारों के बीच ही घूमती रही है। जिससे प्रदेश की जनता में कांग्रेस को लेकर अच्छा संदेश नहीं जाता है।
    • चौथा- हाल ही में हुए चुनाव के दौरान कमलनाथ और दिग्विजय सिंह आपस में भिड़ते नजर आए थे। वो स्थानिय मुद्दे स्वास्थ्य, शिक्षा, पानी, बिजली, बेरोजगारी जैसे तमाम चीजों को छोड़ केवल बीजेपी पर निशाना साधते रहे, जिसकी वजह से लोग उनसे जुड़ नहीं पाए। इसलिए पार्टी अब उन युवाओं को आगे लाना चाहती है जो इन मुद्दों पर बात करे ताकि एमपी की सियासत में कांग्रेस अपने आप को मजबूत बना सके
    • पांचवा- कमलनाथ की उम्र 77 साल हो गई है। जबकि प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाले जीतू पटवारी 50 साल के हैं और काफी एक्टिव नेता माने जाते हैं। समय-समय पर बीजेपी पर निशाना साधते रहे हैं। युवाओं में उनकी अच्छी खासी पकड़ मानी जाती है। साथ ही राहुल गांधी के बड़े करीबी माने जाते हैं। इस बार के चुनाव में कांग्रेस पार्टी 230 विधानसभा सीटों में से महज 66 सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी
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