गोवा में आईएसएल को लेकर टैक्सी, बस चालकों की सीएम से मदद की गुहार

गोवा में आईएसएल को लेकर टैक्सी, बस चालकों की सीएम से मदद की गुहार

IANS News
Update: 2020-11-02 10:31 GMT
गोवा में आईएसएल को लेकर टैक्सी, बस चालकों की सीएम से मदद की गुहार
हाईलाइट
  • गोवा में आईएसएल को लेकर टैक्सी
  • बस चालकों की सीएम से मदद की गुहार

डिजिटल डेस्क, पणजी। गोवा में टैक्सी और बस चालकों ने इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) के दौरान अधिकारियों और खिलाड़ियों के लिए राज्य के बाहर पंजीकृत सार्वजनिक परिवहन वाहनों का उपयोग करने को लेकर लीग की टीमों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। इस बीच, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस विवाद का हल निकालने के लिए आवश्वयक कदम उठाए हैं। मुख्यमंत्री और टैक्सी तथा बस चालकों के प्रतिनिधि यूनियनों के बीच एक बैठक हुई है, जिसमें गोवा के मंत्री माइकल लोबो भी मौजूद थे। बैठक के दौरान सावंत ने आईएसएल आयोजनकर्ताओं, राज्य के परिवहन विभाग और टैक्सी तथा टूर ऑपरेटरों को मिलकर इस समस्या का हल निकालने का आदेश दिया है।

लोबो ने मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास के बाहर पत्रकारों से कहा, आईएसएल की टीमें गोवा में हैं। टीमें अपनी खुद की बसों, इनोवा में यात्रा करती हैं, जो अन्य राज्यों में पंजीकृत सार्वजनिक परिवहन वाहन हैं। यह ठीक है अगर उन वाहनों का उपयोग टीम के सदस्यों को छोड़ने के लिए किया जाता है। लेकिन उनका इस्तेमाल मैदान से होटल या होटल से मैदान तथा अन्य स्थानों पर टीमों को लाने ले जाने के लिए किया भी किया जा रहा है। यह कानून के खिलाफ है। लोबो ने कहा, यदि हमारे स्थानीय लड़के इन वाहनों को रोकते हैं, तो वे (आईएसएल) इसे पसंद नहीं कर सकते ..मुख्यमंत्री ने परिवहन निदेशक को आईएसएल और टैक्सी तथा बस ऑपरेटरों के प्रतिनिधिमंडल को बुलाने और मुद्दे को हल करने के निर्देश दिए हैं।

टैक्सी और बस ऑपरेटरों का कहना है कि मोटर वाहन कानूनों के अनुसार, सार्वजनिक परिवहन वाहनों को किसी राज्य में व्यक्तियों या सामानों के परिवहन के लिए पॉइंट टू पॉइंट परिवहन की अनुमति नहीं है, जहां उनके वाहन पंजीकृत नहीं हैं। गोवा के तीन स्टेडियमों में 22 नवंबर से आईएसएल के सातवें सीजन के मैचों का आयोजन होना है। इस लीग के लिए 11 में से अधिकतर टीमें पहले ही गोवा पहुंच चुकी है। लोबो ने कहा कि टैक्सी और बस ऑपरेटरों ने मांग की थी कि उन्हें भी आईएसएल टीमों को उन्हीं कीमतों पर लाने, ले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए, जिनका भुगतान उनके मौजूदा बाहरी सार्वजनिक परिवहन ऑपरेटरों को किया जा रहा है।

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