IPL-13: IPL के नए स्टार तेवतिया के लिए दर्द कोई बाधा नहीं
IPL-13: IPL के नए स्टार तेवतिया के लिए दर्द कोई बाधा नहीं
- आईपीएल के नए स्टार तेवतिया के लिए दर्द कोई बाधा नहीं
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। यूएई में जारी आईपीएल के 13वें सीजन में राहुल तेवतिया की विस्फोटक बल्लेबाजी से कई लोग हैरान हो सकते हैं, लेकिन जो उनके साथ लंबे समय से खेल चुके हैं वे जानते हैं कि तेवतिया के अंदर क्या करने की क्षमता है। तेवतिया पिछले साल आईपीएल की समाप्ति के बाद देहरादून गोल्ड कप टूर्नामेंट में टूटे हुए पैर से खेले थे, जहां उन्होंने भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के खिलाफ 197 रनों की पारी खेली थी।
तेवतिया आयरकर विभाग की ओर से खेलते हैं और दिल्ली रणजी के पूर्व खिलाड़ी प्रवीण थापर उस टीम के कप्तान हैं। थापर ने आईएएनएस से कहा, एक मैच के दौरान उनके (तेवतिया) के दाहिने पैर पर यॉर्कर लग गई थी और उनके पैर में फ्रेक्च र आ गया था। हमारा अगला मैच एफसीआई के खिलाफ था और वह उस मैच में खेलना नहीं चाहते थे। वह कह रहा था कि मैं नहीं खेल सकता।
थापर ने कहा, हम कह रहे थे कि उन्हें रन दौड़ने की जरूरत नहीं है और केवल बल्लेबाजी करने की जरूरत है। इसके बाद वह बल्लेबाजी के लिए गए, लेकिन शुरुआत में वह दर्द से जूझ रहे थे। जब गेंद ज्यादा दूर जा रही थी, वह तभी सिंगल ले रहे थे और डबल नहीं ले रहे थे। उन्होंने कहा, वह अर्धशतक बनाने में सफल रहे और उन्होंने मुझसे कहा कि वह इसे जारी नहीं रख सकते हैं। मैंने उन्हें बताया कि 50 बनाने के बाद उन्हें बड़े शॉट खेलना चाहिए। उन्होंने अगले 50 रन केवल 15 से 20 गेंदों पर ही बना डाला। 22वें ओवर में वह 100 रन तक पहुंच चुके थे। उन्होंने इसे जारी रखा और दुर्भाग्य से वह 197 रनों पर आउट हो गए।
तेवतिया जब 14 साल के थे तभी से ही थापर उनके खेल को देख रहे हैं। वह दिल्ली के मालवीय क्लब के लिए भी खेल चुके हैं। इसके अलावा वह 2007-08 में डीडीसीए लीग में भी खेल चुके हैं। पूर्व भारतीय विकेटकीपर विजय यादव तेवतिया के बचपन के कोच हैं। उन्होंने आईएएनएस से कहा, वह पहले से ही लेग-स्पिन गेंदबाजी कर रहे थे और वह एक अच्छे बल्लेबाज भी थे। सबसे महत्वपूर्ण बात जो मैंने तुरंत देखी, वह थी उनकी उत्सुकता और खेलने की इच्छा। उनका खेल छोटे प्रारूपों के अनुकूल है। वह हमेशा बल्लेबाजी में अच्छे थे। मैं हमेशा उन्हें अपनी बल्लेबाजी पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए कहूंगा क्योंकि छोटे प्रारूपों में एक बल्लेबाज एक ऑलराउंडर भी हो तो अंतिम एकादश में जगह बनाना आसान हो जाता है।
यादव ने कहा, हरियाणा में उस समय पहले से ही तीन लेग लेग स्पिनर थे-अमित मिश्रा, युजवेंद्र चहल और जयंत यादव। इसलिए मैं उन्हें अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देने को कहा। मैंने उनसे कहा कि बल्लेबाजी ही तुम्हें आगे ले जाएगा। तेवतिया आईपीएल-13 में अब तक 124 गेंदों पर 189 रन बना चुके हैं जबकि पिछले पांच सीजन में वह केवल 89 रन ही बना पाए थे।