सेंट्रल जेल का 9 दशक पुराना रसोईघर टूटेगा, 40 से अधिक कैदी बनाते हैं भोजन 

सेंट्रल जेल का 9 दशक पुराना रसोईघर टूटेगा, 40 से अधिक कैदी बनाते हैं भोजन 

Anita Peddulwar
Update: 2020-08-13 10:07 GMT
सेंट्रल जेल का 9 दशक पुराना रसोईघर टूटेगा, 40 से अधिक कैदी बनाते हैं भोजन 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सेंट्रल जेल के कैदियों के लिए जेल के अंदर ही रसोईघर बना है, जहां करीब 1,500 से 2000 कैदियों के लिए हर रोज 40 से अधिक कैदी भोजन पकाते हैं। कैदियों का यह भोजन जिस रसोईघर में पकाया जाता है, वह करीब 9 दशक पुराना है। इसका कुछ हिस्सा जर्जर हो गया है और कुछ हिस्से में नया निर्माणकार्य किया जाने वाला है। रसोईघर का ज्यादातर हिस्सा पुरानी शैली में बना हुआ है जिसे आधुनिक रूप दिया जाएगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेंट्रल जेल के रसोईघर को अब आधुनिक बनाया जाएगा। इसके लिए राज्य प्रशासन ने करीब 1 करोड़ 40 लाख रुपए की निधि मंजूर की है।  जेल प्रशासन को निधि की कुछ रकम मिलने के बाद भी फिलहाल रसोईघर के निर्माणकार्य व आधुनिक यंत्र लगाने का कार्य कोरोना संक्रमण के कारण शुरु नहीं किया जा सका है। 

बता दें कि सेंट्रल जेल के अंदर कुछ समय पहले कैदियों में कोरोना कहर शुरू हो गया था। सैकड़ों कैदी कोरोना संक्रमित पाए गए थे। फिलहाल जेल के अंदर कर्मचारियों को छोड़कर किसी को आने-जाने की अनुमति नहीं है। जेल अधीक्षक सहित 100 से अधिक अधिकारी- कर्मचारी जेल के अंदर क्वारेंटाइन हैं। सेंट्रल जेल प्रशासन को मिलने वाली 1 करोड़ 40 लाख रुपए की निधि आधुनिक यंत्र लगाने व निर्माणकार्य पर खर्च की जाएगी। रसोईघर में कैदियों के लिए पुरानी ऑटा गूंथने वाली मशीनों की जगह नई मशीनें लगाई जाएंगी, रोटियां सेंकने वाले तवे भी आधुनिक तरीके के होंगे, जिस पर एक बार में 50 से अधिक रोटियां एक तवे पर सेंकी जा सकेंगी। मौजूदा समय में 4 से अधिक तवे पर रोटियां सेंके जाने की जानकारी जेल से जुड़े सूत्रों ने दी है। सेंट्रल जेल में रसोईघर को दो टाइम शुरू रखा जाता है, जिसमें कैदियों के लिए सुबह का नाश्ता, भोजन व रात का खाना शामिल है। जेल के कर्मचारियों की निगरानी में रसोईघर में लंबी सजा भुगत रहे कैदियों से ही भोजन पकाने का काम लिया जाता है, जो भोजन पकाना जानते हैं। उनके मार्गदर्शन के लिए जेल प्रशासन के अधिकारी- कर्मचारी भी वहां मौजूद रहते हैं।

रसोईघर के लिए 65% से ज्यादा निधि मिल चुकी  
सेंट्रल जेल के रसोईघर को आधुनिक बनाने के लिए करीब 1 करोड़ 40 लाख की निधि को मंजूरी मिली है, इसमें से करीब 65 प्रतिशत रकम निधि के रूप में जेल प्रशासन के पास आ चुकी है, लेकिन जेल में भी कोरोना संक्रमण के फैलने के कारण अभी भी डर बना हुआ है, जिसके चलते जेल में निर्माणकार्य के लिए मजदूरों को अंदर आने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, जब तक हालात पूरी तरह ठीक नहीं हो जाते हैं तब तक यहां अंदर में कोई भी निर्माणकार्य संभव नहीं लग रहा है। निर्माणकार्य के लिए अलग- अलग जगह से मजदूर आते हैं। उनके जेल में आने जाने से कैदियों में संक्रमण का खतरा होने से इंकार नहीं किया जा सकता है। कोरोना संक्रमण के हालात को मद्देनजर रखते हुए थोड़े दिनों बाद ही यहां के रसोईघर को आधुनिक बनाने का कार्य शुरू हो पाएगा। -अनूप कुमरे, अधीक्षक, सेंट्रल जेल, नागपुर

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