मांग पूरी करने आंगनवाड़ी, आशा वर्कर का बारिश में जेल भरो आंदोलन
मांग पूरी करने आंगनवाड़ी, आशा वर्कर का बारिश में जेल भरो आंदोलन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। न्यूनतम वेतन लागू करने की मांग को लेकर 6 अगस्त से हड़ताल कर रहे आंगनवाड़ी कर्मचारी, आशा वर्कर तथा शालेय पोषण आहार योजना के कामगारों ने संविधान चौक पर भारी बारिश के बीच जेल भरो आंदोलन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्व्रारा समय-समय पर कामगारों के लिए घोषित बीमा व कामगार सुरक्षा योजना पर अमल करने, सार्वजनिक क्षेत्रों का निजीकरण रोकने तथा न्यूनतम वेतन तत्काल लागू करने की मांग की गई। आयटक के राज्य महासचिव श्याम काले तथा राष्ट्रीय सचिव सुकुमार दामले ने आंदोलन का नेतृत्व किया।
कामगार विरोधी नीतियों का विरोध
कामगार नेताओं ने मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि, कोरोना संकटकाल में सरकार कामगारों की पीठ में खंजर घोंपने का काम कर रही है। किसानों के विरोध में 3 अध्यादेश जारी किए गए हैं। नई शिक्षा नीति लागू कर वर्णवाद पर आधारित शिक्षा और शिक्षा का व्यापारीकरण कर आंगनवाड़ियों को बंद करने की साजिश रची जा रही है। लॉकडाउन की आड़ में कामगारों को एकत्रित आने पर रोक लगाई गई है। मौके का फायदा उठाकर अध्यादेश जारी कर कामगार कानून पर अतिक्रमण किया जा रहा है। 9 अगस्त क्रांति दिवस पर कामगार संगठनों ने संयुक्त रूप से जेल भरो आंदोलन किया। आंदोलन में राजेंद्र साठो, ज्योति अंडरसहारे, अब्दुल सादिक, बुधाजी सुरकार, आशा बोडखेड़े, मंगला लोखंडे, शालिनी बालपांडे आदि उपस्थित थे।