कोरोना रिपोर्ट : सरकारी और प्राइवेट लैब में कौन सच्चा- कौन झूठा, परेशान हो रहे मरीज

कोरोना रिपोर्ट : सरकारी और प्राइवेट लैब में कौन सच्चा- कौन झूठा, परेशान हो रहे मरीज

Anita Peddulwar
Update: 2020-08-11 07:03 GMT
कोरोना रिपोर्ट : सरकारी और प्राइवेट लैब में कौन सच्चा- कौन झूठा, परेशान हो रहे मरीज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है। हर कोई खुद को लेकर आशंकित होता जा रहा है। ऐसे में अब लोग खुद ही अपनी जांच कराने के लिए सामने आ रहे हैं, लेकिन जांच ही भ्रम में डाल रहा है। ऐसा ही एक गर्भवती महिला के साथ हुआ है। मनपा द्वारा आयोजित शिविर में कोविड-19 की जांच कराने पर उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। रिपोर्ट देखते ही पूरा परिवार डर गया। फिर महिला समेत सभी ने फैसला किया कि जांच किसी प्राइवेट संस्थान में कराकर देखा जाए। प्राइवेट लैब की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। अब परिवार परेशान है कि गर्भवती महिला के साथ रिस्क कैसे लें। सरकारी रिपोर्ट मानें या फिर निजी पर भरोसा करें। पूरा परिवार भ्रम की स्थिति में है। कौन सच्चा, कौन झूठा? यह तय कर पाना मुश्किल हो रहा है। 

90 में 24 पॉजिटिव आए थे
मनपा स्थायी समिति सभापति पिंटू झलके के प्रभाग अंतर्गत गत 7 अगस्त को प्रगति हॉल में कोविड जांच शिविर का आयोजन किया गया था। शिविर में 90 लोगों ने जांच कराई। इसमें 24 लोग पॉजिटिव पाए गए थे। इनमें उक्त गर्भवती महिला भी शामिल थी। 

खुश, लेकिन परेशान
उसने दूसरे दिन डॉ. मेजर शांतनु मुखर्जी के अस्पताल में दोबारा कोरोना जांच कराई। जांच रिपोर्ट निगेटिव आई। रिपोर्ट देख वह खुश तो थी, लेकिन  भ्रमजाल में फंस गई। किसे सही माने, तय नहीं कर पा रही थी। रिपोर्ट लेकर वह स्थायी समिति सभापति झलके के पास पहुंची। झलके ने कहा कि जांच के तरीकों पर पुनर्विचार होना चाहिए। 

यह तकनीकी विषय है , सिर्फ जांच के लिए जांच न हो
सिर्फ जांच के लिए जांच न हो, उसका योग्य समाधान होना चाहिए। इस संबंध में मनपा आयुक्त तुकाराम मुंढे से बातचीत कर मामला ध्यान में लाया जाएगा।  -पिंटू झलके, सभापति, स्थायी समिति

2 निजी लैब की रिपोर्ट से महिला के परिजन भ्रमित
कन्नमवार नगर निवासी वरिष्ठ नागरिक 74 वर्षीय महिला घर में फिसल कर गिर गई। उसे इलाज के लिए  आर्थोपेडिक सर्जन डॉक्टर  सुब्रमण्यम अय्यर के पास  ले गए। डाक्टर ने उसे कोरोना टेस्ट करवाने की सलाह दी। महिला ध्रुव लैबोरेटरी गई। वहां कोरोना टेस्ट रिपोर्ट  पॉज़िटिव आई। परिजनों को रिपोर्ट पर संदेह हुआ, क्योंकि महिला घर से बाहर नहीं निकलती थी। अनेक दिनों से किसी बाहरी व्यक्ति के संपर्क में भी नहीं आई थी। परिजन उसे दूसरी लैब ‘सुविश्वास’ में ले गए। वहां कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई। 

राहत लेकिन भ्रम
परिजनों को राहत तो मिली, लेकिन भ्रम और बढ़ गया। हालांकि मनपा ने पहली रिपोर्ट के आधार पर तुरंत महिला के निवास परिसर को सील कर दिया। मजेदार बात यह कि संबंधित महिला के पड़ोस में ही मनपा की स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. भावना सोनकुसले का भी निवास स्थान है। 

गोरखधंधे की जांच हो 
यह तकनीकी गलती है या प्राइवेट लैब का गोरखधंधा। निगम आयुक्त को इसकी जांच कर दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए। 
-दयाशंकर तिवारी, वरिष्ठ नगरसेवक

Tags:    

Similar News