महंगा हुआ मनोरंजन : स्क्रीन से कई चैनल गायब

नागपुर महंगा हुआ मनोरंजन : स्क्रीन से कई चैनल गायब

Anita Peddulwar
Update: 2023-02-21 07:53 GMT
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डिजिटल डेस्क, नागपुर। बढ़ती महंगाई के चलते अब मनोरंजन भी महंगा हो गया है, इसका ताजा उदाहरण चैनलों की मूल्य वृद्धि है। बीते दो दिन परिवार के साथ मनोरंजन के लिए टीवी स्क्रीन पर फिल्में, स्पोर्ट्स देखने बैठे लोगों को टीवी की स्क्रीन पर "प्रिय ग्राहक, ट्राई द्वारा नए टैरिफ आदेश के अनुसार और प्रसारक द्वारा कीमतों में भारी वृद्धि के खिलाफ व आपके हितों की रक्षा के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहे हैं। आपके लिए किसी भी वृद्धि से बचने के लिए कानूनी चुनौती सहित हर संभव उपाय किए जा रहे हैं' संदेश पढ़ने को मिला। जिसके बाद ग्राहकों ने पहले तो अपने टीवी को दो बार बंद करकर शुरू किया, फिर केबल ऑपरेटर से इस विषय पर जानकारी मांगी। जिसमें उन्हें ब्रॉडकास्टर्स द्वारा चैनल की मूल्य वृद्धि के संदर्भ में जानकारी दी गई।

50% तक की बढ़ोतरी
स्टार, जी, सोनी टीवी, डिस्कवरी के चैनल रेट्स में करीब 50% तक की बढ़ोतरी की गई है। जो चैनल ग्राहक के प्रिय हैं उनकी मूल्य वृद्धि की गई है। ब्रॉडकास्टर्स ने एमएसओ को जो 1 दिन का नोटिस भेजा है, वह नियम के अनुसार चैनल वृद्धि के दामों पर हस्ताक्षर के लिए करीब 15 दिन पहले भेजा जाना चाहिए था। अचानक चैनल बंद कर देने से ग्राहकों के साथ अन्याय है। हमारी मांग है कि दाम न बढ़ाए जाएं। - मनोहर केवलरामानी, केबल ऑपरेटर

ओटीटी को बढ़ावा 
ओटीटी प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने के लिए ब्रॉडकास्टर्स की यह चाल हो सकती है। पहले सभी चैनल ग्राहक 200 रुपए में देख सकते थे, आज उसका पैकेज 500 से 600 हो गया है। महंगाई के जमाने में सभी  वर्ग इतना खर्च वहन नहीं कर सकते, जिससे इनकी मूल्य वृद्धि को कम करना जरूरी है। क्योंकि लोगों में ब्रॉडकास्टर के प्रति जानकारी नहीं है, हमें ही उनसे संपर्क बिठाना पड़ता है। आपके माध्यम से सभी ग्राहकों को हम सूचित करना चाहते हैं कि आपके  हित के लिए ये लड़ाई शुरू है आप सहयोग दें। - सुभाष बंते, अध्यक्ष, विदर्भ केबल एसोसिएशन

काफी चुनौतियां हैं
तीन समूहों के चैनल जिसमें स्टार, जी, सोनी के चैनल्स हैं उन्हें बंद कर दिया गया है। इसे शुरू करने के लिए ब्रॉडकास्टर्स द्वारा जो मूल्य वृद्धि की गई है, उस एग्रीमेंट पर हमने हस्ताक्षर नहीं किया है। हमारे व्यवसाय में पहले से ही काफी चुनौतियां हैं, ऐसे में केवल ओटीटी को प्रमोट किए जाने का काम किया जा रहा है। - अजय खामनकर, एमएसओ, यूसीएन केबल
 

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