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Chandrapur News: चंद्रपुर के इरई नदी के गहराईकरण से निकले मलबा को लेकर मचा बवाल

- पहले कहा था मुफ्त में देंगे गाद अब अपनी ही बात से मुकरे
- किसानों के लिए उपयोगी होता है यह मलबा
Chandrapur News चंद्रपुर शहर से सटकर बहनेवाली इरई नदी के गहराईकरण का काम जिला प्रशासन ने शुरू किया है। गहराईकरण के वक्त निकलनेवाली गाद (मिट्टी) किसानों को मुफ्त उपलब्ध कराने की घोषणा की गई थी परंतु अब वह नहीं दी जा रही है, ऐसी कई शिकायतें सामने आयीं है। अगर गाद देनी ही नहीं थी तो घोषणा क्यों की गई? ऐसा सवाल भी पूछा जा रहा है।
बता दें कि, चंद्रपुर शहर से इरई-वर्धा नदी संगम तक ऐसे कुल 17 कि.मी. लंबाई में इरई नदी पात्र में बढ़ी झाड़ियां, गाद निकालकर नदी का गहराईकरण व चौड़ाईकरण किया जा रहा है। 25 अप्रैल को पालकमंत्री डा. अशोक उईके के हाथों गहराईकरण अभियान शुरू किया गया । पहले चरण में राम सेतू से चौराला पुलिया दरम्यान अम्युजमेंट पार्क तक काम चल रहा है। अब तक नदी की 200 मीटर से अधिक की जगह की 5600 से अधिक ब्रास गाद निकाली जा चुकी है। दूसरी ओर विगत दिनों एक निजी प्लाॅट में मिट्टी डालने की बात सामने आयी थी। जबकि नियमानुसार किसानों को देना है। इरई बचाव जनआंदोलन ने इस मामले की जांच करने की मांग भी की थी।
आवेदन करने के बावजूद नहीं दी जा रही मिट्टी : इस संबंध में विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष रोडमल गहलोत ने बताया कि, कुछ किसानों ने नियमानुसार प्रशासन को मिट्टी के लिए आवेदन किया परंतु उस पर न कार्रवाई हो रही है ना ही किसी को गाद दे रहे हैं। जबकि कई किसान अपने खुद के ट्रक, ट्रैक्टर मौके पर ले जाने के लिए तैयार हैं। गहलोत ने यह भी कहा कि, जिस तरह से इरई नदी के गहराईकरण को लेकर जनप्रतिनिधि व प्रशासन ने ढिंढोरा पीटा उसके अनुसार गहराईकरण का काम ठीक से नहीं किया जा रहा। इस ओर पालकमंत्री और जिलाधिकारी को बारीकी से ध्यान देने की आवश्यकता है।
Created On :   9 May 2025 2:55 PM IST