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Chandrapur News: जंगल में चूल्हे के लिए लकड़ियां लाने गया व्यक्ति बना बाघ का निवाला

Chandrapur News चंद्रपुर जिले में मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। इसी कड़ी में पुन: एक अधेड़ के बाघ का शिकार होने की घटना सामने आई है। मृतक दुर्गापुर थाना अंतर्गत चिंचोली निवासी बाबा गेडाम है। वह रविवार को दुर्गापुर के पायली-भटाली बिट में जलावन लाने गया था जहां बाघ के हमले में उसकी मौत हो गई। उसका शव रविवार की रात 11 बजे मिला है। इस घटना के साथ ही जनवरी से अब तक 40 लोग वन्यजीव के हमले में जान गंवा चुके हैं।
चिंचोली गांव निवासी बाबा नारायण गेडाम (54) दिहाड़ी मजदूर था। शीतकाल के दिन होने की वजह से रविवार सुबह 10 बजे गांव के पास पायली-भटाली बीट के कक्ष क्रं. 800 में जलावन के लिए लकड़ी इकट्ठा करने गए थे। वहां दबिश देकर बैठे बाघ ने गेडाम पर हमला कर दिया और जंगल में घसीटकर ले गया जिससे उनकी मृत्यु हो गयी। देर शाम तक गेडाम के घर न पहुंचने पर परिजनों ने खोजबीन शुरू की लेकिन कहीं पता नहीं चला तो कुछ लोग जंगल की ओर तलाश के लिए रवाना हुए। कुछ दूरी पर गेडाम की साइकिल और वहां पर खून के निशान दिखाई दिए इसलिए नागरिकों ने दुर्गापुर पुलिस को सूचना दी।
सूचना के आधार पर पुलिस और वनविभाग की टीम मौके पर पहुंची। रात में जंगल में अभियान चलाया गया इस दौरान गेडाम की कुल्हाड़ी, चप्पल और खून से सने कपड़े दिखाई दिये। खून के निशान की सहायता से टीम ने रविवार की रात 11 बजे गेडाम का शव ढूंढ लिया। उसका शव क्षत विक्षत, हाथ और शरीर का अन्य हिस्सा दिखाई दिया। पुलिस ने शव का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
घटना की जानकारी फैलते ही गांव में तनाव निर्माण हो गया ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कड़ा रोष व्यक्त किया। लोगों ने मांग की कि बाघ का तत्काल बंदोबस्त किया जाए ताकि आगे ऐसी घटनाओं को रोका जा सके। बाघों को स्थानांतरित करने की मांग :जिले में 300 से अधिक होने का अनुमान है। इसकी वजह से देश भर के पर्यटक जिले में बाघ देखने के लिए खींचे चले आते हैे। इससे सरकार को भारी राजस्व मिलता है किंतु अब बाघ जिले में चिंता का कारण बनते जा रहे हैं। इसलिए कुछ दिनों पूर्व ही राज्य की पूर्व मंत्री शोभा फडणवीस ने बाघों की संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए बाघों को स्थानांतरित करने की मांग की थी। क्योंकि जनवरी से अब तक 40 लोग वन्यजीव का शिकार हुए हैं जिसमें सिर्फ बाघ के हमले में 36 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसके अलावा तेंदुए के हमले में 2 और भालू-हाथी के हमले में 1-1 की मृत्यु हो चुकी है।
Created On :   25 Nov 2025 3:42 PM IST















