जीवन ज्योति सूक्ष्म सहायता योजना से विपत्ति में मिली आर्थिक सहायता "कहानी सच्ची है"!

जीवन ज्योति सूक्ष्म सहायता योजना से विपत्ति में मिली आर्थिक सहायता "कहानी सच्ची है"!

Aditya Upadhyaya
Update: 2021-06-22 10:22 GMT
जीवन ज्योति सूक्ष्म सहायता योजना से विपत्ति में मिली आर्थिक सहायता "कहानी सच्ची है"!

डिजिटल डेस्क | बैतूल मध्यप्रदेश-डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा संचालित की जा रही जीवन ज्योति सूक्ष्म सहायता योजना से ग्राम झल्लार की श्रीमती ललिता श्रीवास को विपत्ति के समय आर्थिक सहायता मिली है, जो उनकी आजीविका का आधार बनेगी। विकासखंड मुख्यालय भैंसदेही में जीवन ज्योति सूक्ष्म सहायता योजना मिशन द्वारा गठित सामुदायिक संस्थाओ द्वारा संचालित की जा रही है। जिसमें ग्राम झल्लार में शिव शक्ति समूह की सदस्य श्रीमती ललिता पति श्री ओवेश श्रीवास ने भी सदस्यता ग्रहण की थी। श्रीमती ललित श्रीवास के पति लीवर एवं किडनी की बीमारी से ग्रसित थे और हेयर कटिंग करके अपने परिवार का भरण पोषण करते थे। बीमारी की वजह से 12 जून 2021 को उनका देहांत हो गया।

श्रीमती ललिता श्रीवास की एक बालिका एवं दो बालक हैं। बालिका कक्षा11वीं में, दोनों बालक क्रमश: कक्षा पांचवीं एवं दूसरी में अध्ययनरत है। इनके सभी बच्चे अभी अवयस्क हैं। श्रीमती ललिता के पास मात्र दो एकड़ जमीन है, जिस पर ही अब वह निर्भर है। उनके पति के देहांत हो जाने से अब उनके परिवार के सामने आजीविका चलाने में कठिनाई आ रही है। इस विकट परिस्थिति में माँ पूर्णा आजीविका संकुल स्तरीय संगठन की अध्यक्ष श्रीमती भावना महस्की द्वारा जीवन ज्योति सूक्ष्म सहायता योजनान्तर्गत श्रीमती ललिता श्रीवास को उनके पति के मरणोपरांत सहायता राशि 15000 रुपये प्रदाय किये गए। जिससे इस मुश्किल समय में उनकी सहायता हो सके। श्रीमती ललिता श्रीवास को सोमवार 21 जून को उक्त राशि प्रदाय की गई। श्रीमती ललिता ने कहा कि यह राशि उनकी आजीविका चलाने में मददगार साबित होगी।

ब्लाक प्रबंधक श्री नवीन मालवीय ने बताया कि यह योजना जिले में समूहों द्वारा गठित जीवन ज्योति सामुदायिक सूक्ष्म सहायता योजना के नाम से चलाई जा रही है। इसमे समूह की सदस्यों और उनके पति को मात्र 200 रूपए वार्षिक सदस्यता शुल्क लेकर दोनों में से किसी एक या दोनों के मरने पर 15000 रूपए प्रति व्यक्ति सहायता प्रदान करती है जो कि गरीब लोगों के लिए बहुत ही मददगार साबित हो रही है।

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