नागपुर में नहीं मिल रही जीवन रक्षक दवाइयां, कमी से हो रही मरीजों की मौत

नागपुर में नहीं मिल रही जीवन रक्षक दवाइयां, कमी से हो रही मरीजों की मौत

Anita Peddulwar
Update: 2020-08-14 04:28 GMT
नागपुर में नहीं मिल रही जीवन रक्षक दवाइयां, कमी से हो रही मरीजों की मौत

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन (डीबीए) के अध्यक्ष कमल सतुजा ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में जनहित याचिका दायर की है। याचिका के माध्यम से उन्होंने कोर्ट को यह बताया है कि नागपुर समेत समूचे विदर्भ में कोरोना इलाज के लिए जरूरी जीवन रक्षक दवाओं की भारी कमी हो गई है और संकट के ऐसे हालात में कोरोना से निपटने के लिए प्रशासनिक इंतजाम पुख्ता नहीं है। कोर्ट में यह बताया गया कि किस प्रकार कोरोना संदिग्ध व्यक्तियों को कोरोना जांच केंद्र पर कतार में लग कर जांच करानी पड़ती है। ऐसे ही अन्य मुद्दों पर याचिकाकर्ता का पक्ष सुनकर हाईकोर्ट ने मामले में प्रतिवादी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, प्रदेश स्वास्थ्य मंत्रालय, विभागीय आयुक्त, मनपा व अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता की ओर से एड.श्रीरंग भंडारकर ने पक्ष रखा।

केंद्र-राज्य सरकार को नोटिस : दवा नहीं, रिपोर्ट में खामी
यह है समस्या : याचिका में यह भी बताया गया है कि कुछ ही दिनों पूर्व जीवन रक्षक दवाओं की कमी के कारण सुनील मिश्रा और एड.शशिकांत बोरकर का निधन हो गया। दवाओं की यह कमी सिर्फ नागपुर नहीं, बल्कि सारे विदर्भ में हैं। बढ़ते संक्रमण के हिसाब से शहर में आइसोलेशन वार्ड की भी संख्या पर्याप्त नहीं है। एक व्यक्ति की अलग-अलग जांच रिपोर्ट मिल रही है। प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी को ठीक से नहीं निपटा जा रहा है, जिसका खामियाजा नागरिकों को भुगतना पड़ रहा है। निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज के लिए अनाप-शनाप बिल वसूला जा रहा है।  याचिकाकर्ता ने जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध कराने, कोरोना इलाज के लिए पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध कराने के आदेश जारी करने की प्रार्थना कोर्ट से की है।
 

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