सिटी सर्वे-एनआईटी की संयुक्त नापजोख के बाद मिला ‘क’ प्रत

सिटी सर्वे-एनआईटी की संयुक्त नापजोख के बाद मिला ‘क’ प्रत

Anita Peddulwar
Update: 2020-08-11 10:42 GMT
सिटी सर्वे-एनआईटी की संयुक्त नापजोख के बाद मिला ‘क’ प्रत

डिजिटल डे्स्क, नागपुर। मौजा बाबुलखेड़ा में सिटी सर्वे और नागपुर सुधार प्रन्यास की मिलीभगत से दूसरे व्यक्ति को ‘क’ प्रत जारी करने की खबर से संबंधित विभागों में हड़कंप मच गया है। सभी अपना बचाव करते हुए प्रक्रिया को नियमानुसार बता रहे हैं। मामले से संबंधित अमरतृप्ति को-अॉपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष पंकज दुबे ने सिटी सर्वे और नासुप्र की भूमिका को सही ठहराने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि, सिटी सर्वे ने 7 जनवरी 2019 को नोटिस जारी कर 15 जनवरी 2019 को जगह की नापजोख करने का निर्णय लिया था। इसके लिए नोटिस भी जारी किया गया था, लेकिन गैर-अर्जदार की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

नापजोख होने के बाद गैर-अर्जदार ने बेवजह नापजोख पर आपत्ति जताई। इसके बाद 19 मार्च 2019 को संबंधितों को कागजातों के साथ 25 मार्च को कार्यालय में उपस्थित रहने का आदेश दिया था। उस दिन गैर अर्जदार ने जगह से संबंधित कोई भी कागजात पेश नहीं किया। संयुक्त नापजोख भी नहीं की। जिसके बाद सिटी सर्वे ने 26 मार्च को अमरतृप्ति सोसायटी को ‘क’ प्रत जारी की। पंकज दुबे ने कहा कि, अगर गैर अर्जदार को कोई आपत्ति है, तो वे जिला अधीक्षक भूमि अभिलेख कार्यालय में अपना दावा दाखिल करें। वे ऐसा न करते हुए स्टंटबाजी कर रहे हैं।

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