गायत्री मंत्र का जाप करने के हैं अनेक फायदे, इस तरह करें जाप प्रसन्न हो मां गायत्री पूरी करेंगी सारी मनोकामनाएं
धर्म गायत्री मंत्र का जाप करने के हैं अनेक फायदे, इस तरह करें जाप प्रसन्न हो मां गायत्री पूरी करेंगी सारी मनोकामनाएं
डिजिटल डेस्क, भोपाल। गायत्री माता की ब्रह्मा, विष्णु और महेश के रूप में पूजा की जाती है। इसके साथ ही तीन देवियों लक्ष्मी, सरस्वती और पार्वती की अभिव्यक्ति के रूप में सम्मानित किया जाता है। गायत्री जयंती को लेकर कई मत हैं। लेकिन कहा जाता हैं, की ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाया जाता। इस दिन लोग देवी गायत्री की पूजा करते हैं उन्हें समृद्धि, स्वास्थ्य और सांसारिक खुशी का वरदान मिलता है। भारतीय संस्कृति में गायत्री मंत्र को बहुत ही शक्तिशाली माना गया है। इस मंत्र का जाप करने से जीवन के कई कष्ट दूर हो जाते हैं। माना जाता है कि गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए एक सही समय होता है। इस जाप को करने से नकारात्मक विचारों का विनाश होता है।
गायत्री मंत्र जाप की सही विधि
गायत्री मंत्र का जाप हमेशा पूजा करने वाले आसन पर बैठकर करना चाहिए तभी मनचाहा लाभ मिलता हैं।
गायत्री मंत्र का जाप करने के लिए चंदन या तुलसी की माला का ही इस्तमाल करना चाहिए।
सुबह ब्रह्ममूहुर्त में उठकर पूर्व दिशा की ओर मुंह करके 108 बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए।
अगर आप गायत्री मंत्र का जप करते समय खील और घी से हवन करते हैं तो शांति मिलती है।
गायत्री मंत्र जप करते वक्त देसी घी से हवन किया जाए तो अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
गायत्री मंत्र जाप करने के बाद केवल दूध की आहुति दी जाए तो पराक्रम मिलता है।
गायत्री मंत्र जाप करने के लाभ
ब्रह्ममूहुर्त में उठकर एक कांसे के बर्तन में जल भरने के बाद आसन पर बैठकर गायंत्री मंत्र का जाप करें जब मंत्र का जाप पूरा हो जाए तो पात्र में भरे जल का सेवन करें, ऐसा करने से रोग से छुटकारा मिलता है।
शनिवार के दिन अगर आप पीपल के पेड़ के नीचे गायत्री मंत्र का जप करें तो ग्रह बाधा से मुक्ति मिलती है। आपके जीवन में शांति बनी रहती है।
पुष्पों से गायत्री मंत्र का हवन करने से कुष्ठ रोगों से मुक्ति मिलती है।
सोमवार को पीले वस्त्र धारण कर माता पार्वती की पूजा कर के गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करने से विवाह में आने वाली समस्त बाधाएं दूर होती हैं।
डिसक्लेमर- ये जानकारी धर्म से जुड़े अलग अलग शोध और किताबों पर आधारित है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता।