नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 4जी मोबाइल सेवा उपलब्ध कराने का काम तेज, खर्च होंगे 18 करोड़

एलडब्ल्यूई नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 4जी मोबाइल सेवा उपलब्ध कराने का काम तेज, खर्च होंगे 18 करोड़

Manuj Bhardwaj
Update: 2022-07-20 14:22 GMT
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में 4जी मोबाइल सेवा उपलब्ध कराने का काम तेज, खर्च होंगे 18 करोड़

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों में 2जी मोबाइल सेवाओं को 4जी में बदलने का काम तेजी से चल रहा है। इसके लिए 1,884 करोड़ रूपये की निधि स्वीकृत की गई है। इसके तहत महाराष्ट्र के 65 और मध्यप्रदेश के 22 साइटों को 4जी में बदलने पर काम चल रहा है।

यह जानकारी संचार राज्य मंत्री देवुसिंह चौहान ने बुधवार को लोकसभा में लिखित उत्तर में दी। उन्होंने बताया कि सरकार ने पूर्व में बीएसएनएल द्वारा वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए चरण-1 की परियोजना में शुरू की गई 2,343 मौजूदा 2जी साइटों को 4जी में अपग्रेड करने का निर्णय लिया है। 2,343 मौजूदा साइटों में सबसे ज्यादा 816 झारखंड में हैं तो 525 साइट छत्तीसगढ़ में हैं।

झारखंड में इन साइटों को 4जी में अपग्रेड करने पर 656 करोड़ रूपये खर्च होंगे तो छत्तीसगढ़ में 525 साइटों के उन्नयन पर 422 करोड़ रूपये की लागत आएगी। इसी प्रकार ओडिशा के 256 साइटों के उन्नयन पर 206 करोड़, बिहार के 250 साइटों के उन्नयन पर 201 करोड़, तेलंगाना के 173 साइटों के उन्नयन पर 77 करोड़, पश्चिम बंगाल के 96 साइटों पर 139 करोड़, उत्तरप्रदेश के 78 साइटों पर 63 करोड़, महाराष्ट्र के 65 साइटों पर 18 करोड़, आन्ध्रप्रदेश के 62 साइटों पर 50 करोड़ और मध्यप्रदेश के 22 साइटों पर 52 करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे।

दूसरे चरण में स्थापित होंगे 2,542 मोबाइल टावर

मंत्री ने बताया कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए चरण-2 परियोजना के अंतर्गत 2,542 मोबाइल टावर बनाने का काम भी चल रहा है। इनमें छत्तीसगढ़ में 951 टॉवर, ओडिशा में 483, झारखंड में 450, आन्ध्रप्रदेश में 346, महाराष्ट्र में 125, तेलंगाना में 53, उत्तरप्रदेश में 42, मध्यप्रदेश में 23, पश्चिम बंगाल में 33 और बिहार में 16 मोबाइल टाॅवर स्थल बनाया जाना है।

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