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मप्र में रोजगार पोर्टल पर 13 लाख श्रमिक पंजीकृत

हाईलाइट
- मप्र में रोजगार पोर्टल पर 13 लाख श्रमिक पंजीकृत
भोपाल, 10 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण अपने घरों को लौटे मजदूरों को उनकी कुशलता व दक्षता के अनुसार काम दिलाने के लिए शुरू किए गए रोजगार सेतु पोर्टल पर अब तक कुल 13 लाख से अधिक लोगों ने पंजीयन करा लिया है।
राज्य में प्रवासी मजदूरों को उनकी कार्य कुशलता व दक्षता के आधार पर रोजगार मिल सके, इसके मकसद से श्रम विभाग ने रोजगार सेतु पोर्टल शुरू किया है। पोर्टल पर प्रवासी मजदूरों का पंजीयन किया जा रहा है। साथ ही ऐसे नियोक्ताओं का भी पंजीयन किया गया है, जिन्हें विभिन्न कार्यों के लिए कुशल, अकुशल मजदूरों की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को प्रवासी मजदूरों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया। इस मौके पर चौहान ने कहा, पोर्टल पर सात लाख 30 हजार प्रवासी श्रमिकों तथा पांच लाख 79 हजार उनके परिवार के सदस्यों का पंजीयन हुआ है। इस प्रकार कुल 13 लाख 10 हजार का पंजीयन किया जा चुका है। इसी प्रकार पोर्टल पर पांच हजार 246 नियोक्ताओं व रोजगार प्रदाय कर्ताओं का पंजीयन कर लिया गया है। राज्य भारत का ऐसा पहला प्रदेश है, जिसने समस्त प्रवासी मजदूरों का सर्वे पूर्ण कर लिया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने रोजगार पोर्टल के शुभारंभ के पश्चात विभिन्न जिलों से प्रवासी श्रमिकों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत की। गोविन्द प्रसाद चौरसिया ने बताया कि वह मुम्बई की एक कम्पनी में काम करते थे, लेकिन कोरोना के कारण मध्यप्रदेश वापस आना पड़ा। अब उन्हें रोजगार पोर्टल के माध्यम से सागर की कम्पनी में नौ हजार 500 रुपये प्रतिमाह तनख्वाह पर रोजगार मिल गया है।
भोपाल के सतीश ने मुख्यमंत्री चौहान को बताया कि महाराष्ट्र में एक फाईव स्टार होटल में काम करते थे। अब उन्हें आज्ञा इंटरप्राइजेस भोपाल में कार्य मिल गया है। सुनील ककोडिया महाराष्ट्र से आए हैं, इन्हें दिलीप बिल्डकम भोपाल में कार्य मिल गया है। इसी प्रकार ग्वालियर के राजेश धाकड़ को सेंगर सिक्युरिटी ग्वालियर में कार्य मिला है।
मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि रोजगार सेतु पोर्टल वास्तव में ऑनलाइन रोजगार मेला है। पोर्टल पर एक ओर जहां सभी मजदूर पंजीकृत हैं, वहीं दूसरी ओर विभिन्न नियोक्ता पंजीकृत हैं। नियोक्ता अपनी आवश्यकता के अनुसार मजदूरों का चयन कर सकते हैं। पोर्टल के माध्यम से ही मजदूर को नियुक्ति पत्र मिल जाता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।