भारत बंद: बैंकों पर सबसे ज्यादा असर, 21 हजार करोड़ रुपए के 28 लाख चेक अटके

Impact of Shut Down in Indian market
भारत बंद: बैंकों पर सबसे ज्यादा असर, 21 हजार करोड़ रुपए के 28 लाख चेक अटके
भारत बंद: बैंकों पर सबसे ज्यादा असर, 21 हजार करोड़ रुपए के 28 लाख चेक अटके
हाईलाइट
  • कई शहरों में एटीएम खाली
  • लोग हुए परेशान
  • बैंक कर्मियों ने हड़ताल का समर्थन किया
  • सरकारी बैंकों पर रहा सबसे ज्यादा असर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत बंद व बैंक हड़ताल से बैंकिंग सेवाओं पर सबसे ज्यादा असर पड़ा। बैंकों में हड़ताल के चलते बुधवार को 21 हजार करोड़ रुपए के 28 लाख चेक अटके। हड़ताल का सबसे ज्यादा असर शासकीय बैंकों पर रहा। बंद के दौरान देशभर में बैंक तो खुले रहे, लेकिन कई जगह धन निकासी जैसी सेवाएं प्रभावित रहीं, क्योंकि ज्यादातर बैंक कर्मियों ने हड़ताल का समर्थन किया। वहीं कई शहरों में एटीएम भी खाली रहने की खबर है, जिससे कई लोगों को नकदी की समस्या का सामना करना पड़ा।

देशभर में बैंकिंग के अलावा यातायात समेत अन्य सेवाएं भी बाधित रहीं। हालांकि सरकारी विभागों में बंद पूरी तरह बेअसर रहा और कामकाज सामान्य ढंग से हुआ। साथ ही देशभर में पेट्रोल पंप, बिजली संयंत्र, तेल रिफायनरी आदि में भी सामान्य तौर पर कामकाज हुआ।
 
25 करोड़ लोगों के शामिल होने का दावा
ट्रेड यूनियनों का दावा है कि इस हड़ताल में करीब 25 करोड़ लोग शामिल हुए। जिन मांगों के लिए यह बंद आयोजित किया गया था, उनमें रोजगार के नए अवसर पैदा करने, श्रम कानूनों में संशोधन पर रोक लगाने और नौकरी की सुरक्षा संबंधी मांगें रखी गईं।

ये मांगे भी की गईं
प्रदर्शनकारियों ने 21 हजार रुपए न्यूनतम वेतन करने, निजीकरण, वैश्वीकरण और उदारीकरण को रोकने, मजदूर विरोधी श्रम कानून हटाने, पुरानी पेंशन बहाल करने और उत्तरप्रदेश में बिजली कंपनियों का एकीकरण करने आदि प्रमुख मांगों को लेकर भारत बंद का आह्वान किया। आउटसोर्सिंग, संविदा और ठेकेदारी प्रथा पर रोक, बैंक, इंश्योरेंस और रेलवे क्षेत्र में विदेशी पूंजी निवेश पर रोक लगे जैसी मांगे शामिल थीं। 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी ने इस बंद और हड़ताल का आयोजन किया था। 

Created On :   8 Jan 2020 2:39 PM GMT

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