एक सशक्त और जागरूक भारत निर्माण लिपि कंधार के नजरिए से
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। लिपि कंधार के साथ कल्पना चावला की कहीं एक बात हमेशा गूंजती है की "सपनों से सफलता तक का मार्ग मौजूद है ,आपके पास। बस उसे खोजने की दृष्टि, उस पर जाने का साहस और उसका पालन करने की दृढ़ता अगर हो। "
लिपि महिलाओं की योग्यता को उसके सही स्थान तक पहुंचाने एवं उनके उत्थान के लिए प्रतिबद्धित है। वह सशक्तिकरण का प्रतीक है।
उनके जीवन में एक महत्वपूर्ण मोड़ तब आया जब एक शाम एक बूढ़ी औरत ने गरीबी के हाथों कठपुतली होने की अपनी निराशा भरी कहानी उनके आगे बयान की और बताया की कैसे एक सभ्य जीवन जीने के उसके प्रयास नाकाम रहे आर्थिक स्थिति की कमी के कारण।
तभी लिपि में भारत सरकार की "मुद्रा योजना" की मदद से महिलाओं के सपनों को साकार करने का मार्ग दर्शन करके उनकी मदद करने की ठानी और कार्यरत हो गई।
लिपि ने लोगों को उनके लक्ष्य के करीब लाने के लिए संसाधनों के बारे में जानकारी का प्रसार करके उनमें सशक्त बनने का जज्बा जगाया।
इस नेक प्रयास के बाद, सरकारी योजनाओं और पहलों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए देश भर की। इस कार्य के दौरान, उन्होंने महसूस किया कि अपने काम को उन्नत करने और निर्दिष्ट आकार देने के लिए, एक बुनियाद की आवश्यकता थी। इसलिए उन्होंने ग्रामीण भारत को मूलभूत अधिकारों और उन अवसरों के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से "नो योर राइट्स" फाउंडेशन (जिसका अर्थ होता है कि अधिकारों को जानिए) की स्थापना की, जो उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र और सम्मानजनक जीवन जीने में मदद कर सकते हैं।
इस पथप्रदर्शक एन जी ओ के अंतर्गत, लिपि प्रगतिशील और शिक्षित ग्रामीण भारत बनाने के लिए सुयोजित मुहिम चला रहीं है। नो यू आर राइट्स की कुशल टीम हर बारीकी को ध्यान में रखकर एक ठोस तकनीकी प्रणाली बनाकर ग्रामीण भारत के क्रांति लाने के लिए सावधानीपूर्वक काम कर रही है।
वे सरकारी योजनाओं और सब्सिडी जैसी विभिन्न सार्वजनिक नीतियों का उपयोग करके ग्रामीण भारत को 21वीं सदी की गति से मेल खाने में सक्षम बनाने का इरादा रखते हैं। सकारात्मक परिवर्तन एवं स्थिर आर्थिक स्वतंत्रता लाने के उद्देश्य को साकार करने के लिए संगठन लगातार कार्यरत हैं और दिन-ब-दिन अपने प्रयासों को बढ़ा रहा है।
महिलाओं के अधिकारों के मुखर समर्थक और अपनी जागरूकता कार्यनीतियों की सफलता का आकलन करने के लिए संगठन ने विशिष्ट प्रमुख प्रदर्शन संकेतक (केपीआई) की पहचान की है। इन संकेतकों ने उन्हें अपने दर्शकों के साथ सीधे जुड़कर देश भर में विकास और डिजिटल जुड़ाव के लिए अपने अभियानों को बढ़ाने में मदद की है।
इस पहल को आगे बढ़ाने के लिए, वे गुजरात के गांवों के सरपंचों का एक मजबूत नेटवर्क बनाकर बुनियादी स्तर पर काम कर रहे हैं। संगठन एक वेबसाइट भी शुरू की जिस पर सरकार के हर एक योजना की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
"बचपन से मैंने उन लोगों की परेशानी को देखा है जिनके पास जरूरी साधनों की कमी है, जिन्हें मदद की जरूरत है। और यह मेरी खुशनसीबी होगी अगर मैं लोगों को सशक्त बनाने में मदद करने को सक्षम हूँ। हालांकि ग्रामीण लोगों की सहायता के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन आज की सबसे बड़ी समस्या है कि उन योजनाओं के बारे में जागरूकता बहुत कम है। यह अज्ञानता वंचितों को निराशा के घेरे की ओर ले जाती है, और उन्हें दिए गए प्रोत्साहन और अधिकारों के कभी भी लाभ नहीं मिलने देती। हमारे एन जी ओ का लक्ष्य अधिक से अधिक जरूरतमंदों को जोड़ना और उन्हें सशक्त बनाना है ताकि वे अपनी विपरीत परिस्थितियों से बाहर आ सके।" - लिपि कंधार
ज्ञानपुर में यह शब्द उस दृष्टिकोण, इरादे और कड़ी मेहनत को दर्शाते हैं जो लिपि ने निस्वार्थ रूप से इस पहल की दिशा में काम करने के लिए किये हैं।
नो योर राइट्स का उद्देश्य किसी भी प्रकार का आर्थिक सहयोग प्रदान करके उन्हें अवलंबित करने का नहीं बल्कि उन्हें सरकार की योजनाओं का सही इस्तेमाल करके आत्मनिर्भर बनाने का है।
भविष्य में, उन्होंने ऐप लांच करने की योजना भी बनाई है जो उपयोगकर्ताओं को सरकार की सार्वजनिक नीतियों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान कर के उनका मार्गदर्शन कर सकती है। इस ऐप को अधिक उपयोगकर्ता केंद्रित बनाने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में जानकारी उपलब्ध होगी। यह एक हेल्पलाइन नंबर द्वारा समर्थित होगा जहां लोग विभिन्न नीतियों से संबंधित प्रश्न पूछ सकते हैं।
हम सब जानते हैं कि सरकार देश की उन्नति के लिए और बिछड़ों के विकास एवं आत्मनिर्भरता के लिए कई योजनाओं कई योजनाएं रचित है। लगातार अलग-अलग सर्वेक्षण करके और जरूरतों और जरूरतमंदों को वर्गीकृत करके, उन तक मदद पहुंचाने के मार्ग और व्यवस्था कर यह योजना रची जाती है। इन योजनाओं का लाभ गांव-गांव तक पहुंचाने के लिए सरकार काफी सारे प्रयास कर रही है। और इन्हीं प्रयासों पर नो यू आर राइट्स एक महत्वपूर्ण कड़ी का काम कर रहा है। वह छोटे-छोटे आंतरिक गावों में छोटी सभाओं एवं टेक्नोलॉजी के द्वारा योजनाओं के बारे में जानकारी, जागरूकता और प्रशिक्षण पहुंचाती है।
कई सेवाभावी संस्थाए इन गावों की मदद चैरिटी के द्वारा करती है मगर नो योर राइट्स का मानना है की चैरिटी करके, कुछ समय तक की मदद करके उन्हें अवलम्बित बनाने से अच्छा होगा कि उनकी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की योजनाओं एवं सब्सिडी का उपयोग करना सिखाया जाए जो की उन्हें पुरे मान सम्मान के साथ आत्मनिर्भर बनने का मौका और एक बेहतर तथा स्थिर जीवनशैली प्रदान करते हैं।
सरकारी योजनाओं का सही उपयोग कर, व्यक्तिगर कोई सामाजिक उन्नति का विचार "नो योर राइट्स" की नीव है और संस्था उसी दिशा में है निरंतर कार्यशील रहने को कटिबद्ध है
Created On :   10 March 2022 4:29 PM IST