- Dainik Bhaskar Hindi
- Business
- New CEO of Infosys salil parekh salary is lesser than vishal sikka
दैनिक भास्कर हिंदी: इन्फोसिस के नए CEO की सैलरी सिक्का से होगी कम, मिलेंगे 16 करोड़ रुपए

डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। देश के सबसे बड़ी मल्टी नेशनल कंपनियों में से एक इंफोसिस के नए CEO और MD के तौर पर सलिल पारेख ने कमान संभाल ली है। उनकी ताजपोशी के साथ-साथ अब उनके वेतन को लेकर चर्चा हो रही है। दरअसल पारेख का सालाना वेतन पूर्व CEO विशाल सिक्का से काफी कम है। आपको बता दें, पारेख को 16 करोड़ रुपये सालाना पैकेज है। वहीं सिक्का को 42 करोड़ रुपए की सालाना सैलरी दी जाती थी। पारेख को मिल रहा सालाना पैकेज सिक्का के पैकेज के एक तिहाई के बराबर है। इंफोसिस की स्वतंत्र बोर्ड मेंबर किरन मजुमदार शॉ ने बताया कि सलिल को 16 करोड़ रुपये का पैकेज मिलेगा। इसमें उनकी फिक्स सैलरी 6.5 करोड़ रुपए होगी।
शॉ ने बताया कि सलिल को 6.5 करोड़ रुपए की फिक्स सैलरी के साथ 9.75 करोड़ रुपए का वैरिएबल पे पाने के हकदार रहेंगे। उनके मुताबिक पारेख को 3.25 करोड़ रुपये की स्टॉक यूनिट्स और 13 करोड़ रुपये के वार्षिक इक्विटी ग्रांट्स मिलेंगे।
इंफोसिस ने पिछले साल दिसंबर में सलिल पारेख को कंपनी के नए सीईओ के तौर पर नियुक्त किया था। उन्होंने विशाल सिक्का की जगह ली। विशाल सिक्का ने कंपनी के संस्थापकों के साथ विवाद होने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सिक्का के कंपनी छोड़ने की एक सबसे बड़ी वजह कंपनी के संस्थापक नारायण मूर्ति की तरफ से लगातार हमले हैं। नारायण मूर्ति ने कई बार सिक्का की सैलरी पर भी सवाल उठाए हैं। पिछले साल अगस्त में सिक्का के इस्तीफे के बाद से कंपनी में नए सीईओ के लिए चल रही तलाश दिसंबर में पारिख पर आकर खत्म हुई थी।
कंपनी ने पारेख के सामने कंपनी ने रखी है ये शर्त
पारेख के साथ हुए कॉन्ट्रेक्ट में कंपनी ने ये शर्त भी रखी है कि पद छोड़ने के छह महीने तक वह कुछ चुनिंदा प्रतिस्पर्धी कंपनियों से नहीं जुड़ेंगे। इसके अलावा, उन्हें ऐसे किसी क्लाइंट के साथ काम करने की अनुमति भी नहीं होगी, जिसके लिए इन्फोसिस में रहते हुए पिछले 12 महीनों में उन्होंने काम किया होगा। उनका कार्यकाल पांच साल का होगा। पारिख के वेतन और भत्तों के प्रस्ताव पर शेयरधारकों को 22 जनवरी से 20 फरवरी के बीच वोट करना होगा। चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के पद पर नियुक्ति देने और पूर्णकालिक डायरेक्टर बनाने पर भी मंजूरी मांगी गई है। सिक्का के इस्तीफे के बाद राव को अंतरिम सीईओ नियुक्त किया गया था।
भोपाल: स्कोप कॉलेज में विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना
डिजिटल डेस्क, भोपाल। स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने अपने छात्र -छात्राओं के भविष्य को संवारने के लिये भारत के आटोमोबाइल क्षेत्र में अग्रणी कम्पनी हीरो मोटोकार्प के साथ एक करार किया जिसमें ऑटोमोबाइल क्षेत्र में स्किल डेवलपमेंट के लिये एक विश्वस्तरीय प्रशिक्षण वर्कशाप की स्थापना संस्था के प्रांगण में की गई है। ये अपने आप में एक अद्वतीय पहल है तथा सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित है। इसमें सभी नवीनतम कम्प्यूटराइज्ड मशीन के द्वारा टू-व्हीलर ऑटोमोबाइल कार्यशाला प्रशिक्षण दिया जायेगा। इस वर्कशाप में उद्घाटन के अवसर पर कम्पनी के जनरल मैनेजर सर्विसेज श्री राकेश नागपाल, श्री मनीष मिश्रा जोनल सर्विस हेड - सेंट्रल जोन, श्री देवकुमार दास गुप्ता - डी जी एम सर्विस, एरिया मैनेजर श्री राम सभी उपस्थिति थे। साथ ही संस्था के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. अजय भूषण, डॉ. देवेंद्र सिंह, डॉ. मोनिका सिंह, अभिषेक गुप्ता आदि उपस्थित थे। संस्था के सभी शिक्षकगण तथा छात्र-छात्रायें उपस्थित थे।
कार्यक्रम की शुरूआत सरस्वती वंदना से की गई , डॉ. मोनिका सिंह ने अतिथियों का संक्षिप्त परिचय दिया। डॉ. अजय भूषण ने सभी का स्वागत किया और बताया कि आने वाला समय कौशल विकास आधारित शिक्षा का है। कर्यक्रम में आईसेक्ट ग्रुप के कौशल विकास के नेशनल हेड अभिषेक गुप्ता ने ग्रुप के बारे मे विस्तार से बताया कि किस तरह हमेशा से आईसेक्ट ग्रुप ने कौशल विकास को हमेशा प्राथमिकता से लिया है। कार्यक्रम में एएसडीसी के सीईओ श्री अरिंदम लहिरी ऑनलाइन आकर सभी को बधाई दी तथा छात्र - छात्राओं को उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभाषीस भी दी।
कार्यक्रम में डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि कौशल विकास आधारित शिक्षा सनातन काल से भारतवर्ष में चली आ रही है मध्यकालीन समय में कौशल विकास पर ध्यान नही दिया गया परंतु आज के तेजी से बदलते हुए परिवेश में विश्व भर में इसकी आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसी आवश्यकता को देखते हुये स्कोप कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में कुछ ही समय में विभिन्न क्षेत्रों के सात सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना की गई है जो की विभिन्न क्षेत्रों मे छात्र- छात्राओं के कौशाल विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे।
भोपाल: सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों की बुलेट यात्रा का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय में हुआ आगमन
डिजिटल डेस्क, भोपाल। इंडिया गेट से जगदलपुर के लिए 1848 किमी की लंबी बुलेट यात्रा पर निकलीं सीआरपीएफ की 93 महिला पुलिसकर्मियों का रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई ने विश्वविद्यालय परिसर में आगमन पर भव्य स्वागत किया। लगभग 300 स्वयंसेवकों तथा स्टाफ सदस्यों ने गुलाब की पंखुड़ियों से पुष्प वर्षा करते हुए स्वागत किया। वहीं उनके स्वागत में एन एस एस की करतल ध्वनि से पूरा विश्वविद्यालय परिसर गुंजायमान हो उठा। इस ऐतिहासिक बाइक रैली में शामिल सभी सैन्यकर्मियों का स्वागत विश्वविद्यालय के डीन ऑफ एकेडमिक डॉ संजीव गुप्ता, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री ऋत्विक चौबे, कार्यक्रम अधिकारी श्री गब्बर सिंह व डॉ रेखा गुप्ता तथा एएनओ श्री मनोज ने विश्वविद्यालय की तरफ से उपहार व स्मृतिचिन्ह भेंट कर किया। कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए डिप्टी कमांडेंट श्री रवीन्द्र धारीवाल व यात्रा प्रभारी श्री उमाकांत ने विश्वविद्यालय परिवार का आभार किया। इस अवसर पर लगभग 200 छात्र छात्राएं, स्वयंसेवक व एनसीसी कैडेट्स समस्त स्टाफ के साथ स्वागत में रहे मौजूद।
खबरें और भी हैं...
दैनिक भास्कर हिंदी: सरकार को शक- SME स्कीम की आड़ में GST की चोरी कर रहे छोटे कारोबारी
दैनिक भास्कर हिंदी: बिजनेस के लिहाज से खट्टा-मीठा रहा साल 2017
दैनिक भास्कर हिंदी: पुलिस संरक्षण में खुलेआम चल रहा क्रिकेट से लेकर डेली सट्टा
दैनिक भास्कर हिंदी: हाईकोर्ट ने कहा- सीटों का आवंटन निजी विमानन कंपनियों का व्यावसायिक मामला