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Real Estate: आम्रपाली ग्रुप के छह अटके प्रोजेक्ट्स की फंडिंग करेगा SBI कैपिटल, सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी

हाईलाइट
- SBI कैपिटल करेगी आम्रपाली ग्रुप के छह अटके प्रोजेक्ट्स की फंडिंग
- सुप्रीम कोर्ट ने दी हरी झंडी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। SBI कैपिटल आम्रपाली ग्रुप के छह अटके प्रोजेक्ट्स की फंडिंग करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को लगभग 7000 आवासीय इकाइयों की फंडिंग की रुकावट को दूर करते हुए हजारों घर खरीदारों को राहत दी। जस्टिस अरुण मिश्रा और यू यू ललित की बेंच ने चार हफ्ते के भीतर कानूनी ढांचा अदालत के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इससे पहले रियल एस्टेट सेक्टर के लिए सरकार के प्रायोजित स्ट्रेस फंड का प्रबंधन करने वाली SBICAP ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने आम्रपाली ग्रुप की छह रुकी हुई परियोजनाओं के लिए 625 करोड़ रुपये देने का फैसला किया है।
जिन छह आम्रपाली परियोजनाओं के लिए निर्माण कार्य शुरू किया गया है उनमें सिलिकॉन वैली -1 और 2, क्रिस्टल होम्स (Crystal Homes), सेंचुरियन पार्क लो राइज (Centurian Park Low Rise), सेंचुरियन पार्क ओ 2 वैली (Centurian Park O2 Valley)और सेंचुरियन पार्क ट्रॉपिकल गार्डन (Centurian Park Tropical Garden) शामिल हैं, जिनमें लगभग 6970 रेजिडेंशियल यूनिट्स होंगे।
इससे पहले सोमवार को हुई सुनवाई में एसबीआई कैपिटल की तरफ से ब्याज दर को कम करने में असमर्थता जताने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि वह ब्याज दर कम करने के लिए हस्तक्षेप करें। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को वित्त मंत्रालय से निर्देश लेने के लिए कहा था कि क्या ब्याज दर को कम किया जा सकता है? जस्टिस अरुण मिश्रा और यूयू ललित की बेंच के समक्ष एसबीआई के वकील हरीश साल्वे ने कहा था कि ब्याज दर को कम करना 'संभव' नहीं है।
साल्वे ने कहा था कि 12% ब्याज सामान्य है क्योंकि यह रिस्क इन्वेस्टमेंट का मामला है। हालांकि, बेंच ने कहा था कि बैंक को लाभ कमाने के वेंचर के रूप में नहीं लेना चाहिए क्योंकि 12% ब्याज बहुत अधिक है और एसबीआई कैप को ब्याज के रूप में पांच साल में 180 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके बाद कोर्ट ने कहा था कि अगर सरकार और एसबीआई कैप ब्याज दर घटाने के लिए अनिच्छा व्यक्त करते हैं तो वह आदेश पारित करेगा।
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डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।