शेयर बाजार में पूरे सप्ताह रहा उतार-चढ़ाव, 1.5 फीसदी टूटे सेंसेक्स, निफ्टी

शेयर बाजार में पूरे सप्ताह रहा उतार-चढ़ाव, 1.5 फीसदी टूटे सेंसेक्स, निफ्टी
शेयर बाजार में पूरे सप्ताह रहा उतार-चढ़ाव, 1.5 फीसदी टूटे सेंसेक्स, निफ्टी

मुंबई, 13 जून (आईएएनएस)। घरेलू शेयर बाजार में इस सप्ताह भारी उतार-चढ़ाव का दौर लगातार जारी रहा, लेकिन लगातार दो सप्ताह बढ़त कायम नहीं रह पाई। घरेलू कारकों और कमजोर विदेशी संकेतों से सेंसेक्स और निफ्टी दोनों पिछले सप्ताह के मुकाबले करीब 1.5 फीसदी की गिरावट के साथ बंद हुए।

बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह के मुकाबले 506.35 अंकों यानी 1.48 फीसदी की गिरावट के साथ 33,780.89 पर बंद हुआ।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित संवेदी सूचकांक निफ्टी पिछले सप्ताह के मुकाबले 169.25 अंकों यानी 1.67 फीसदी की कमजोरी के साथ 9972.90 पर ठहरा।

बीएसई मिडकैप सूचकांक पिछले सप्ताह से 45.99 अंकों यानी 0.37 फीसदी की कमजोरी के साथ 12,600.15 पर जबकि स्मॉलकैप सूचकांक 9.90 अंक फिसलकर 11,845.27 पर रूका।

सप्ताह के आरंभ में हालांकि सोमवार को सेंसक्स 83.34 अंकों की बढ़त बनाकर 34370.58 पर रूका और निफ्टी 25.30 अंक चढ़कर 10,167.45 पर बंद हुआ, लेकिन अगले सत्र में मंगलवार को गिरावट आ गई और सेंसक्स पिछले सत्र से 413.89 अंक यानी 1.20 फीसदी की कमजोरी के साथ 33956.69 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 120.80 अंकों यानी 1.19 फीसदी की गिरावट के साथ 10,046.65 पर ठहरा।

घरेलू बाजार में बुधवार को फिर रिकवरी आ गई और सेंसेक्स 290.35 अंक चढ़कर 34,247.05 पर ठहरा, जबकि निफ्टी 69.50 अंकों की बढ़त के साथ 10,116.15 पर रूका। अगले दिन फिर बाजार में बिकवाली के भारी दबाव में सेंसेक्स पिछले सत्र से 708.68 यानी 2.07 फीसदी लुढ़ककर 33,538.37 पर बंद हुआ। निफ्टी भी पिछले सत्र से 214.15 अंकों यानी 2.12 फीसदी की गिरावट के साथ 9,902 पर बंद हुआ।

सप्ताह के आखिरी सत्र में हालांकि काफी उतार-चढ़ाव रहा, लेकिन आखिर में जबरदस्त रिकवरी के साथ सेंसेक्स पिछले सत्र से 242.52 अंक चढ़कर 33,780.89 पर ठहरा और निफ्टी ने भी 70.90 अंकों की बढ़त बनाई फिर भी 10,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर को बनाए रखने में नाकाम रहा।

कोरोनावायरस का संक्रमण गहराने और प्रमुख टेलीकॉम कंपनियों को एजीआर बकाया मामले में सर्वोच्च न्यायालय से राहत नहीं मिलने से घरेलू बाजार में कारोबारी रुझान कमजोर हुआ। वहीं, अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार को लेकर जो संकेत दिया है वह आशावादी नहीं है, इसलिए विदेशी बाजारों में कमजोरी आई ,जिसका असर भारतीय शेयर बाजार पर भी दिखा।

 

Created On :   13 Jun 2020 5:00 PM GMT

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