स्टाफ को नवरात्रि ड्रेस कोड का पालन करने या जुर्माना भरने को कहा गया!

Union Bank case: Staff asked to follow Navratri dress code or pay fine!
स्टाफ को नवरात्रि ड्रेस कोड का पालन करने या जुर्माना भरने को कहा गया!
यूनियन बैंक मामला स्टाफ को नवरात्रि ड्रेस कोड का पालन करने या जुर्माना भरने को कहा गया!

डिजिटल डेस्क, मुंबई। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने अपने कर्मचारियों के एक वर्ग को अनिवार्य रूप से एक विशेष नवरात्रि ड्रेस कोड का पालन करने को कहा है। इतना ही नहीं जो कर्मचारी ऐसा नहीं करता है उस पर जुर्माना लगाने की चेतावनी दी गई है। विस्तृत आदेश 1 अक्टूबर को डिजिटलीकरण विभाग द्वारा मुंबई में केंद्रीय कार्यालय में जारी एक रंगीन परिपत्र के माध्यम से आया, जिस पर महाप्रबंधक, ए आर राघवेंद्र द्वारा हस्ताक्षर किए गए थे।

सोशल मीडिया पर हंगामे के बाद, यूबीआई प्रबंधन ने कथित तौर पर सकरुलर को हटा दिया है। यह मामला रविवार देर रात सोशल मीडिया पर सामने आया। राघवेंद्र ने बहुरंगी आदेश में सभी कर्मचारियों और साइट पर विक्रेता भागीदारों को त्योहार के लिए एक दैनिक रंग ड्रेस कोड का पालन करने के लिए कहा था, जो कुछ इस तरह था, 7 अक्टूबर से पीला, हरा, ग्रे, नारंगी, सफेद, लाल, शाही नीला, गुलाबी, और अंतिम दिन 15 के लिए अक्टूबर बैंगनी रंग सुनिश्चित किया गया था।

अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए, उन्होंने रंग कोड का पालन नहीं करने के लिए प्रत्येक को 200 रुपये के जुर्माना देने की चेतावनी दी थी और साथ ही सभी कर्मचारियों की एक दैनिक समूह तस्वीरें भी लेने को कहा था। वहीं 14 अक्टूबर को, एक चाट पार्टी और कर्मचारियों के लिए दोपहर 3 बजे से भोजन की व्यवस्था की गई है। कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए इनडोर खेल भी रखे गए है, साथ ही लंच बॉक्स नहीं लाने की सलाह दी गई है।

राघवेंद्र ने कहा कि हम आप सभी से अनुरोध करते हैं कि आप सभी इसमें शमिल हो और कोई बैठक न करें। राघवेंद्र ने सभी से दिन-वार रंग कोड योजना का पालन करने और उत्सव को शानदार बनाने के लिए अनुरोध किया था। अखिल भारतीय यूनियन बैंक कर्मचारी महासंघ (एआईयूबीईएफ) ने इस फरमान पर ध्यान नहीं दिया और यूबीआई के प्रबंध निदेशक और सीईओ राजकिरण राय जी को पत्र लिखकर महाप्रबंधक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

प्रख्यात साहित्यकार और मदुरै सीपीआई-एम के सांसद एस वेंकटेशन ने यूबीआई को लिखे एक पत्र को राघवेंद्र के आदेश को अत्यधिक अत्याचारी करार दिया है। वेंकटेशन ने सकरुलर को वापस लेने और गलती करने वाले अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि यह न केवल सरकारी बैंक की छवि को नुकसान पहुंचाएगा बल्कि इस महान देश के मानवाधिकारों और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों का भी उल्लंघन है।

एआईयूबीईएफ के महासचिव जगन्नाथ चक्रवर्ती ने नाराजगी जताते हुए कहा है कि कार्यालय में धार्मिक उत्सव मनाने, ड्रेस कोड तय करने और जुमार्ना लगाने के लिए आधिकारिक निर्देश जारी करना नियमित मामला नहीं है और इसके लिए शीर्ष प्रबंधन से अनुमति की आवश्यकता होती है। एआईयूबीईएफ नेता ने कहा कि बैंक के 100 साल के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। उन्हें तुरंत आदेश वापस लेना चाहिए।

आईएएनएस

Created On :   11 Oct 2021 7:01 AM GMT

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