हाईकोर्ट: त्योहारों के दौरान लेजर किरणों और साउंड सिस्टम के इस्तेमाल को दी गई चुनौती

त्योहारों के दौरान लेजर किरणों और साउंड सिस्टम के इस्तेमाल को दी गई चुनौती
  • जनहित याचिका में आंख और कान को हानि पहुंचाने का दावा करते हुए रोक लगाने का अनुरोध
  • अदालत ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

डिजिटल डेस्क, मुंबई। त्योहारों के दौरान लेजर किरणों और तेज ध्वनि संयंत्रों के इस्तेमाल को बॉम्बे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। जनहित याचिका दावा किया गया है कि धार्मिक जुलूसों और अन्य समारोहों के दौरान लेजर किरणों और तेज ध्वनि संयंत्रों के इस्तेमाल से लोगों के कान और आंख को नुकसान पहुंचती है। अदालत से इस पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया है। अदालत ने इसको लेकर राज्य सरकार से जवाब मांगा है। मुख्य न्यायाधीश देवेंद्र कुमार उपाध्याय और न्यायमूर्ति अमित बोरकर की पीठ के समक्ष शुक्रवार को संस्था अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई हुई।

याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि त्योहारों में इस्तेमाल की जाने वाली खतरनाक लेजर किरणों के कारण कई व्यक्तियों की दृष्टि चली गई है। इसके अलावा डीजे सिस्टम और इसी तरह की गतिविधियों के कारण होने वाले ध्वनि प्रदूषण कई व्यक्तियों की सुनने की शक्ति चली गई है। ध्वनि प्रदूषण के कारण आसपास की इमारतों में कंपन होता है। इसको लेकर उसने अधिकारियों को कई शिकायतें की लेकिन उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। लेजर किरणों से होने वाले खतरों को दूर करने के लिए कोई विशिष्ट नियम नहीं हैं और इसलिए राज्य सरकार को उचित निर्देश जारी देने का अदालत के अनुरोध किया गया है

Created On :   16 Aug 2024 9:54 PM IST

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