हड़ताल का असर: रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से बिगड़ी व्यवस्था, मरीजों को नहीं मिल रहा उपचार

रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल से बिगड़ी व्यवस्था, मरीजों को नहीं मिल रहा उपचार
  • मनपा के अस्पतालों की ओपीडी में 50 फीसदी कम हुए मरीज
  • 7 दिन में केईएम में 59, सायन में 51 फीसदी, नायर में 60 फीसदी और कूपर में 40 फीसदी ओपीडी हुई कम
  • हर अस्पताल में वरिष्ठ डॉक्टर ओपीडी की कमान संभाले

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में हुई घटना के विरोध में मुंबई सहित प्रदेश के सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर हैं। बुधवार को हड़ताल का 9वां दिन था। डॉक्टरों की हड़ताल का खासा असर मुंबई महानगरपालिका (मनपा) के अस्पतालों में दिखाई दे रहा है। मुंबई मनपा की ओपीडी रिपोर्ट के अनुसार बीते 7 दिनों में मनपा के केईएम, सायन, नायर और कूपर अस्पताल की ओपीडी सेवा 50 फीसदी से ज्यादा प्रभावित हुई है। हड़ताल के 9 दिनों में 7 दिन अस्पताल में ओपीडी हुई है। जिसमें से दो दिन ओपीडी की कमान आपला दवाखाना और उपनगरीय अस्पतालों के मेडिकल अफसरों ने संभाली थी। मनपा के बड़े अस्पतालों की संचालक डॉ. नीलम अंद्राडे ने बताया कि हड़ताल में मरीज सेवा प्रभावित न हो इसके लिए अस्पतालों में इंतजाम किए गए हैं। हर अस्पताल में वरिष्ठ डॉक्टर ओपीडी की कमान संभाले हुए हैं।

केईएम-नायर में 60 फीसदी ओपीडी हुई कम

केईएम अस्पताल में रोजाना 5955 मरीजों की ओपीडी रोजाना होती है लेकिन वर्तमान में यह संख्या 2,000 से 2,500 के बीच बनी हुई है। बीते 7 दिनों में यहां 59 फीसदी ओपीडी कम हुई है। जबकि नायर अस्पताल में रोजाना 3,000 से 3,500 मरीजों की ओपीडी होती है लेकिन वर्तमान में यह संख्या 1000 से 1500 के बीच बनी हुई है। बीते 7 दिनों में यहां 60 फीसदी ओपीडी कम हुई है। इसी प्रकार सायन अस्पताल में आम दिनों में रोजाना 3700 मरीज इलाज के हर अस्पताल में वरिष्ठ डॉक्टर ओपीडी की कमान संभालेए ओपीडी में आते हैं लेकिन वर्तमान में हड़ताल के कारण सिर्फ 1200 से 1500 मरीज की ओपीडी होती है। एक आंकड़े के मुताबिक बीते सात दिनों में सायन अस्पताल में 51 फीसदी ओपीडी कम हुई है। यही हाल पश्चिम उपनगर के कूपर अस्पताल का है। कूपर अस्पताल में आम दिनों में रोजाना 2 हजार से अधिक मरीज ओपीडी में आते हैं लेकिन वर्तमान में सिर्फ 1200 से 1500 बनी हुई है। बीते सात दिनों में कूपर असप्ताल में 40 फीसदी ओपीडी कम हुई है।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग से भी मिले रेजिडेंट डॉक्टर

सुरक्षा के मुद्दे को लेकर सेंट्रल मार्ड के प्रतिनिधियों ने मंगलवार देर रात राज्य चिकित्सा आयोग के अध्यक्ष डॉ. बी.एन. गंगाधर से मुलाकात की। सेंट्रल मार्ड के अध्यक्ष डॉ. प्रतीक देबाजे ने बताया कि इस दौरानकई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई और उन्होंने मेडिकल कॉलेजों में डॉक्टरों की सुरक्षा के संबंध में विभिन्न कदम उठाने का आश्वासन दिया है।

Created On :   21 Aug 2024 9:00 PM IST

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