मर्डर केस: विवेक पालटकर की फांसी पर फैसला सुरक्षित

विवेक पालटकर की फांसी पर फैसला सुरक्षित
बहुचर्चित पवनकर हत्याकांड का मामला

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दिघोरी परिसर के बहुचर्चित पवनकर हत्याकांड के आरोपी विवेक गुलाबराव पालटकर (40) को जिला व सत्र न्यायालय ने फांसी की सजा सुनाई है। सजा को पालटकर ने बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में चुनौती दी है। राज्य सरकार ने भी पालटकर की फांसी की सजा बरकरार रखने के लिए याचिका दायर की है। मामले पर न्या. विनय जोशी और न्या. महेंद्र चांदवानी के समक्ष हुई सुनवाई में सभी पक्षों की दलीलें पूरी हुईं और कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा है।

उम्रकैद की सजा सुनाई थी : आरोपी विवेक पालटकर ने खुद के बेटे के समेत पांच लोगों की हत्या की थी। मृतक में कमलाकर मोतीराम पवनकर (48), उसकी पत्नी अर्चना (45), मां मीराबाई (73), पुत्री वेदांति (12), भांजा कृष्णा (5) का समावेश है। अर्चना, विवेक की बहन व कृष्णा, विवेक का बेटा था। दिघोरी के आराधना नगर में पवनकर परिवार रहता था। कमलाकर पवनकर प्रापर्टी डीलर था। आरोपी विवेक को पत्नी की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

5 लाख रुपए का विवाद था : आरोपी विवेक की जमानत के लिए कमलाकर ने लगभग 5 लाख रुपए खर्च किए थे। उन रुपयों को लेकर विवेक व कमलाकर में विवाद चल रहा था। विवाद के चलते 11 जून 2018 की मध्यरात्रि में लोहे की सब्बल से वार कर 5 लोगों की हत्या कर दी गई। प्रकरण में विवेक की पुत्री वैष्णवी व कमलाकर की पुत्री मिताली गवाह हैं। हत्या के बाद आरोपी फरार हो गया था। उसे पुलिस ने लुधियाना से गिरफ्तार किया था। जिला व सत्र न्यायालय ने आरोपी विवेक को हत्या का दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। आरोपी पालटकर की ओर एड. देवेंद्र चौहान, राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त सरकारी वकील संजय डोईफोडे ने पैरवी की।

Created On :   19 Dec 2023 7:50 AM GMT

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