New Delhi News: भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता दूरदर्शी, डेयरी सेक्टर पर कोई छूट नहीं दी

भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता दूरदर्शी, डेयरी सेक्टर पर कोई छूट नहीं दी
  • पीयूष गोयल ने कहा - डेयरी सेक्टर पर कोई छूट नहीं दी
  • भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौता दूरदर्शी
  • डेयरी प्रोडक्ट्स को लेकर भारत-अमेरिका के बीच विवाद

New Delhi News. केन्द्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारत कभी अपना डेयरी सेक्टर नहीं खोलेगा। भारत-न्यूजीलैंड मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि इस समझौत्े के तहत डेयरी सेक्टर में किसी भी तरह की आयात शुल्क में छूट नहीं दी है। उन्होंने कहा कि न्यूजीलैंड के साथ हुआ एफटीए व्यापक और दूरदर्शी दोनों है। यह एफटीए सिर्फ व्यापार तक सीमित नहीं है। इसमें शिक्षा, रिसर्च और डेवलपमेंट, इनोवेशन, सर्विस सेक्टर, टूरिज्म और खेल जैसे कई क्षेत्र शामिल हैं।

गोयल ने यहां संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि यह समझौता भारत और न्यूजीलैंड के नेताओं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन की सोच को दर्शाता है, जो दोनाें देशों के रिश्तों को और भी ऊंचे और व्यापक स्तर पर ले जाना चाहते हैं। इस एफटीए से भारत के निर्यात को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसके तहत न्यूजीलैंड भारत से होने वाले 100 प्रतिशत निर्यात पर जीरो ड्यूटी की सुविधा देगा। शिक्षा क्षेत्र में यह समझौता इसलिए अहम होगा क्योंकि जो छात्र न्यूजीलैंड में डिग्री कोर्स या बैचलर डिग्री करेंगे, उन्हें 3 साल का वर्क वीजा मिलेगा।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि हमने भारत-न्यूजीलैंड ट्रेड डील में चावल, गेहूं, डेयरी, सोया और अन्य कृषि उत्पादों जैसे संवेदनशील सेक्टर्स को किसी भी तरह की बाजार पहुंच नहीं दी है। दरअसल अमेरिका भारतीय बाजार में कई बार अपने डेयरी प्रोडक्ट्स और जेनेटिकली मोडिफाइड अनाज को बेचने की मांग कर चुका है। गोयल के बयान को इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील पर बातचीत एडवांस स्टेज में है।

डेयरी प्रोडक्ट्स को लेकर भारत-अमेरिका के बीच विवाद

दरअसल अमेरिका चाहता है कि उसके डेयरी प्रोडक्ट्स जैसे दूध, पनीर, घी को भारत में आयात की अनुमति मिले। भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश है और इस सेक्टर में करोड़ों छोटे किसान लगे हुए हैं। भारत सरकार को डर है कि अगर अमेरिकी डेयरी उत्पाद भारत में आएंगे, तो वे स्थानीय किसानों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसके अलावा धार्मिक भावना भी जुड़ी हुई हैं।

Created On :   22 Dec 2025 9:07 PM IST

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