कर्ज माफी योजना में 23 हजार किसानों का डाटा संदिग्ध, अपैक्स बैंक ने जांच के लिए लिखा

23 thousand farmers data suspect in loan waiver scheme, APEX bank wrote for investigation
 कर्ज माफी योजना में 23 हजार किसानों का डाटा संदिग्ध, अपैक्स बैंक ने जांच के लिए लिखा
 कर्ज माफी योजना में 23 हजार किसानों का डाटा संदिग्ध, अपैक्स बैंक ने जांच के लिए लिखा

डिजिटल डेस्क छतरपुर । प्रदेश सरकार द्वारा जय किसान ऋण माफी योजना अब प्रशासन और किसानों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। इस योजना में  व्यापक स्तर पर गड़बड़ी परत दर परत उजागर हो रही है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने इस योजना के नियमानुसार जिले में 95 हजार से अधिक किसानों को ऋणी मानकर इनका ऋण माफ किए जाने का पत्र अपैक्स बैंक को लिख दिया। इधर शासन ने ऋणी किसानों की जानकारी पंचायत सचिवों के माध्यम से जुटाई। जिले से प्रशासनिक स्तर पर अपैक्स बैंक को जो जानकारी भेजी गई इसमें ऋणी किसानों की संख्या 72 हजार 561 है। ऐसे में करीब 23 हजार किसान ऐसे हैं जिन्हें जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ऋणी मान रहा है तो शासन ने इन्हें ऋणी नहीं माना है। इस संबंध में अपैक्स बैंक ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को पत्र लिखकर दोबारा पंचिंग (जानकारी जुटाने) का आदेश दिया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा इन 23 हजार किसानों की अब दोबारा जानकारी जुटाए जाने के लिए अपने शाखा प्रबंधकों को पत्र लिखे हैं। इधर शासन ने जिन किसानों को ऋण माना भी ह इनमें भी अभी 25 हजार से अधिक किसान ऐसे हैं जो कर्जदार तो हैं लेकिन इनका ऋण माफ नहीं हो सका है ऐसे में इन्हें खाद-बीज मिलना संभव नहीं है। 
सहकारी बैंक और शासन की सूची में भारी अंतर 
प्रदेश में मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व में सरकार का गठन होते ही सबसे पहली घोषणा किसानों का ऋण माफ करने की थी। जय किसान ऋण माफी योजना के नाम से कमलनाथ ने प्रदेश भर के किसानों का 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का आदेश जारी किया। इस आदेश के बाद जिले में सहकारी बैंक और सहकारी समितियों के माध्यम से खाद-बीज व अन्य प्रकार का ऋण लिए किसानों की सूची तैयार की गई। इस सूची को बनाने में जिले की 113 सहकारी समितियों में पदस्थ सेल्समैन और प्रबंधकों ने मनमाने ढंग से किसानों की सूची तैयार करने का प्रयास किया। प्रदेश सरकार ने कलेक्टरों के माध्यम से ग्राम पंचायत सचिवों से ऋणी किसानों की सूची तैयार कराई। जिले में पंचायत सचिवों ने किसानों की सूची तैयार कर उन्हें पंचायत भवन के नोटिस बोर्ड पर चस्पा किया तो कई ऐसे किसानों के नाम भी आए जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने अपैक्स बैंक को जिले के 2 लाख रुपए तक के कर्जदार किसानों की जो सूची भेजी है इसमें जिले में 95 हजार 526 किसान कर्जदार बताए गए हैं। अपैक्स बैंक द्वारा इसमें से केवल 72 हजार 261 किसानों को ही पात्र ऋणी किसान मानकर शेष 22965 किसानों की दोबारा पंचित अर्थात जांच कराने का आदेश जिला सहकारी केंद्रीय बैंक को दिया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सूत्रों की माने तो उन्हें चार दिन पहले ही अपैक्स बैंक से इस संबंध में पत्र प्राप्त हुआ है जिसमें 22 हजार 965 किसानों की पंचिंग न होने की बात कही गई है। अपैक्स बैंक का पत्र मिलने के बाद जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने जिले के सभी सहकारी बैंक शाखा प्रबंधकों को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर इन किसानों की दोबारा पंचिंग कराने का आदेश दिया है।
440 करोड़ में से केवल 120 करोड़ हुए प्राप्त
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने 95 हजार 526 ऋणी किसानों की 440 करोड़ 69 लाख रुपए की राशि कर्ज के रूप में बांटे जाने और वसूली का दावा करते हुए जय किसान ऋण माफी योजना में इस राशि को प्राप्त करने का दावा प्रदेश सरकार से किया था। इसमें से 22 हजार 965 किसान अभी संदिग्ध है। अर्थात कुल 72 हजार 561 किसान ही जिले में ऋणी माने जा रहे हैं। इनमें से 46 हजार 893 किसान ऐसे हैं जिनका ऋण मात्र 500 हजार रुपए तक था। इन किसानों की कुल राशि 120 करोड़ 45 लाख रुपए होती थी। इसे शासन ने माफ कर दिया है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सूत्रों के अनुसार 50 हजार तक का ऋण प्राप्त 46 हजार 893 किसानों के खातों में अब तक 120 करोड़ 45 लाख रुपए भेजे जा चुके हैं। 
इन किसानों को नहीं मिल सकेगा खाद-बीज 
प्रदेश सरकार ने जिले के 46 हजार 893 किसानों का ऋण अब तक माफ कर दिया है। ये वे किसान हैं जिनकी ऋण राशि 50 हजार रुपए तक की थी। 72 हजार 561 में से 46 हजार 893 किसानों का ऋण माफ होने के बाद भी जिले में अभी भी 25 हजार 668 किसान ऐसे हैं जिनका ऋण अब तक माफ नहीं हुआ है। वे कर्जदार हैं। इन कर्जदार किसानों की ऋण माफी उनके खातों में न पहुंचने के कारण वे सहकारी समितियों में डिफाल्टर किसानों के रूप में दर्ज हो चुके हैं। ऐसे में इन्हें अब तक रबी की फसल बुबाई के लिए खाद और बीज नहीं मिल सकेगा।
 

Created On :   12 Nov 2019 1:20 PM IST

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