झोपड़ी में आग लगने से 3 मासूम बच्चियों की मौत

3 girls died in chhatarpur due to fire broke
झोपड़ी में आग लगने से 3 मासूम बच्चियों की मौत
झोपड़ी में आग लगने से 3 मासूम बच्चियों की मौत

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। जिला मुख्यालय से दस किलोमीटर की दूरी पर स्थित चमरुआपुरवा गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। दरअसल सोमवार की दोपहर तीन मासूम बच्चियां जब खेत में बनी झोपड़ी के अंदर खेल रहीं थी, उसी समय झोपड़ी में अचानक आग लग गई। खेल में मशगूल मासूम बच्चियों को पता ही नहीं चला कि झोपड़ी में कब आग लगी और आग ने इतना विकराल रुप ले लिया कि तीनों मासूम बालिकाएं आग की चपेट में आ गर्इं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। झोपड़ी में लगी आग की सूचना जैसे ही गांव के लोगों को लगी और आग बुझाने के लिए जब तक मौके पर पहुंचे तब तक काफी देर हो चुकी थी। इस हादसे में चमरुआपुरवा गांव निवासी 3 वर्षीय मासूम सीता अहिरवार पिता गुलजारी अहिरवार, 5 वर्षीय नीमू पिता प्यारेलाल और 4 वर्षीय राखी पिता भगवानदास की मौत हो गई। वहीं झोपड़ी के पास खेल रही दो बालिकाएं बाल-बाल बच गई।

गांव में छाया मातम
मासूम बालिकाओं की मौत के बाद से पूरे गांव में मातम छाया हुआ है। तीनों बालिकाओं के माता-पिता का बुरा हाल है। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनके कलेजे का टुकड़ा रहीं बेटियां अब दुनिया छोड़ कर चली गई हैं। झोपडी में आग किस वजह से लगी अभी स्पष्ट नहीं हो पाया है। वहीं झोपड़ी के पास खेल रही बच्चियों का कहना है कि बीडी जलाने की वजह से आग लगी होगी।

दो घंटे बाद पहुंचा अमला
झोपड़ी में आग लगने की सूचना गांव वालों ने तत्काल ही पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों को दे दी थी, लेकिन सरकारी अमला घटना के दो घंटे बाद मौके पर पहुंचा। हताहत परिवार को एसडीएम रविंद्र चौकसे ने तत्काल ही पांच-पांच हजार रुपये की राहत राशि दी, वहीं गांव के सरपंच ने भी दो- दो हजार रुपये की सहायता राशि पीडि़त परिवार को दी। बताया जा रहा है कि घटना स्थल तक पहुंच मार्ग न होने की वजह से सरकारी अफसरों को मौके में पहुंचने में देरी हुई।

बस्ती से एक किलोमीटर दूरी पर बनी थी झोपड़ी
घटना स्थल से बस्ती की दूरी एक मिलोमीटर है। जिसके चलते गांव के लोग चाह कर भी मदद के लिए नहीं पहुंच पाए। बताया जा रहा है कि  सीमा के पिता गुलजारी अहिरवार अपने बहनोई के गांव में रहकर अपना और अपने परिवार का जीवन यापन कर रहे हैं। जिस समय झोपड़ी में आग लगी उस समय बच्चों के अलावा झोपड़ी में कोई परिवार का सदस्य नहीं था। परिवार के सभी लोग खेतों में काम करने के लिए गए हुए थे।

इनका कहना है
हादसे में हताहत परिवार के लोगों को तत्कालिक सहायता राशि दी गई है। झोपड़ी में आग कैसे लगी इसकी जांच कराई जाएगी।  घटना दर्दनाक है, जिला प्रशासन पीडि़त परिवार की हर संभव मदद करेगा। -रविंद्र चौकसे एसडीएम

Created On :   20 Feb 2018 12:39 AM IST

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