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अति कुपोषण की चपेट में पूरा वर्धा जिला, 309 बच्चे मिले बीमार
डिजिटल डेस्क, वर्धा। अति कुपोषित बालकों को खोजकर मुख्य प्रवाह में लाने के लिए विविध तहसील में 214 बाल ग्रामविकास केन्द्र की स्थापना की गई है। जिसमें 309 अति कुपोषित बालकों को भर्ती कर उनकी सुदृढता के लिए आहार व विशेष औषधोपचार किया जा रहा है। जिला महिला व बालकल्याण विभाग द्वारा दल ने गत एक माह में आंगनवाड़ी सेविकाओं की मदद से गांव-गांव जाकर अति कुपोषित बालकों की खोज की। खोज अभियान के दौरान 309 अति कुपोषित बालक पाए गए। इन बालकों को ग्रामविकास केन्द्र में भर्ती किया जाना था। परंतु शासन द्वारा उन्हे दिया जानेवाला पोषक आहार व औषधोपचार अब तक जिला प्रशासन को प्राप्त नहीं हुआ है। जिसके कारण कुपोषित बालकों को तुरंत खोज करने के बाद भी उन्हे भर्ती नहीं किया गया।
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तहसीलों में ग्रामविकास केन्द्र स्थापित
कई तहसीलों में ग्रामविकास केन्द्र स्थापित किए गए है। कुछ बालकों को समीप गांव के केन्द्रों में भर्ती किया जा रहा है। बालकों का वजन तथा ऊंचाई लेकर उनके स्वास्थ्य की जांच की जाएगी। उन्हे विशेष औषधोपचार कर सकस आहार दिया जाएगा। इन बालकों को 30 दिनों तक बाल ग्रामविकास केन्द्र में रखकर उन्हे सामान्य बालकों की श्रेणी में लाने के लिए प्रयास किए जाएंगे।
309 अति तीव्र कुपोषित बालक पाए गए
जिले में तहसील निहाय स्थापित किए गए बाल ग्रामविकास केन्द्रों में वर्धा-1 में 22, वर्धा-2 में 28, सेलू-20, आर्वी 18, आष्टी 15, कारंजा घाडगे 25, हिंगणघाट 35, समुद्रपुर 27, देवली 24 ऐसे तहसील निहाय बाल ग्रामविकास केन्द्र स्थापित किए गए है। इस यंत्रणा को जिले भर में वर्धा- एक में 24, वर्धा केन्द्र क्रमांक 2 में 36, सेलू में 39, आर्वी में 22, आष्टी में 20, कारंजा में 31, हिंगणघाट में 58, समुद्रपुर में 47, देवली में 32 के तहत 309 अति तीव्र कुपोषित बालक पाए गए है।
Created On :   4 Feb 2018 5:47 PM IST