- Home
- /
- राज्य
- /
- महाराष्ट्र
- /
- Umarkhed
- /
- 65 लाख का कचरा घोटाला, विधायक सहित...
65 लाख का कचरा घोटाला, विधायक सहित सीओ व पदाधिकारियों पर होगा मामला दर्ज
डिजिटल डेस्क, उमरखेड। पूर्व नगराध्यक्ष तथा विद्यमान भाजपा विधायक नामदेव ससाणे, तत्कालीन सीओ समेत सभी के खिलाफ 65 लाख के कचरा घोटाले में अपराध दर्ज करने के आदेश राज्य के नगरविकास मंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार की देर रात दिए हैं। इसमें गुरुवार की दोपहर कांग्रेस के जिला महासचिव गोपाल अग्रवाल ने यह घोटाला कैसे किया इसकी विस्तृत जानकारी संवाददाता संमेलन में दी। जिसमें उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत 23 जनवरी 2018 को इस मामले की शिकायत शेख जलील ने जिलाधिकारी के पास की थी। जिसमें आरोप किया गया था कि स्वच्छ भारत अभियान में स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 में घनकचरा अलग करना और व्यवस्थापन इसमें लाखों रुपए का भ्रष्टाचार हुआ है। इसमें 10 हजार ब्रास कचरे को नष्ट करने के लिए बिना लाइसेंस के ठेकेदार को ठेका दिया गया है। सरकार की ई-क्लास जमीन पर यह कचरा बिना मंजूरी के नष्ट किया गया था। इस मामले में जिलाधिकारी ने 5 अप्रैल 2018 को तत्कालीन सीओ से जबाब मांगा था। इस जबाब में अनियमितता पायी गई थी। जिसे तत्कालीन एसडीओ स्वप्नील कापडणीस को इस मामले में जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने 9 नवंबर 2020 को इसकी जांच कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट पेश की। जिसमें धांधली होने की बात बताई गई थी। जिलाधिकारी ने 5 फरवरी 2021 को यही रिपोर्ट सरकार को भेजी थी। जिस पर मंत्री शिंदे ने इस में सुनवाई के लिए उमरखेड के पूर्व नगराध्यक्ष तथा विद्यमान भाजपा विधायक नामदेव ससाणे, तत्कालीन सीओ, तत्कालीन लेखापाल, तत्कालीन स्वास्थ्य निरीक्षक और संबंधित अधिकारी, स्थायी समिति सदस्य के खिलाफ अपराध दर्ज करने के निर्देश जिलाधिकारी को दिए हैं। पत्र परिषद में अग्रवाल ने बताया कि यह घोटाला कैसे-कैसे किया गया है। नगर परिषद के 18 दिसंबर 2017 को पहला और 26 मार्च 2018 को दूसरा प्रस्ताव पारित किया। जिसमें दूसरे प्रस्ताव में नगर परिषद अधिनियम के प्रावधान 58 (2) की पूर्ति की। इस प्रकार धांधली करने के बाद यह लोग गलती पर गलती करते रहे। यह ठेका भाजपा पदाधिकारी गजानन मोहले ने लिया था। जिसमें यह कचरा टिप्पर से उठाकर यातायात करना, दूसरे पदाधिकारी फिरोज खान आजाद खान को जगह काे समतल करना और नांदेड के पल्लवी कंस्ट्रक्शन को मजदूर आपूर्ति करने के लिए 51.97 लाख में ठेका दिया गया था।
नियम के अनुसार 10 लाख के ऊपर का ठेका है तो ई-टेंडर से देना जरूरी था। मगर यह नियम भी ताक पर रखा गया। 26 फरवरी 2018 को स्वास्थ्य निरीक्षक की रिपोर्ट पर से ठेकेदार मोहले के खाते में 44.38 लाख रुपये और 16 फरवरी 2018 को 7.59 लाख रुपये फिरोज खान के खाते में भेजे गए। यह राशि भेजने के 38 दिन बाद 26 मार्च 2018 को नप कानून के अनुसार उक्त कार्य को मंजूरी ली गई। इसमें किसी प्रकार का जीएसटी, इंकम टैक्स नहीं काटा गया। कचरा उठाने के लिए 7 जनवरी से 13 फरवरी 2018 को एक दिन 4 से 14 वाहन और एक वाहन से 6 से 32 ट्रिप कचरा ढोने की बात दर्ज है। ठेकेदार ने 3505 ट्रिप कचरा, 933 ट्रिप मुरूम ऐसे 4438 ऐसे ट्रिप का प्रति ट्रिप 1 हजार के हिसाब से पैसे दिए। इस काम में दिए गए वाहनों के नंबर चेक करने पर कई वाहन दोपहिया, स्कूटर और अन्य स्थानों के वाहन मािलकाें के निकले। इन वाहनों का आरसी बुक ही अग्रवाल ने पत्रकारों को बताया।
Created On :   4 Feb 2022 8:04 PM IST