- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सीधी
- /
- आत्महत्या:आर्थिक तंगी के कारण किसान...
आत्महत्या:आर्थिक तंगी के कारण किसान ने लगाईं फांसी
डिजिटल डेस्क,सीधी। आर्थिक तंगी एवं घरेलू कलह को लेकर एक किसान ने फांसी लगा ली है। किसान की मौत पर विपक्षी दल कांग्रेस द्वारा जहां सरकार की नीतियों को दोषी ठहराया जा रहा है वहीं प्रशासन द्वारा किसान के मौत की असल वजह जानने जांच शुरू कर दी गई है। कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम पनवार चौहानन टोला निवासी रत्नेश सिंह चौहान पिता राजकुमार सिंह चौहान उम्र 38 वर्ष रविवार की शाम 4 बजे घर से निकला था। रात में घर वापस न पहुंचने पर घर के लोग उसकी खोज किए लेकिन पता नहीं चल सका।
सोमवार की सुबह घर से 200 मीटर दूर खेत पर लगे शीशम के पेड़ पर लोगों ने लाश लटकती हुई देखी। जिसकी जानकारी लोगों ने मृतक के परिजनों एवं पुलिस को दी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने लाश को पीएम के लिए मर्चुरी भवन भेजा। पीएम के दौरान जिला कांग्रेस कमेटी एवं भारतीय कृषि एवं मजदूर संगठन के पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी पहुंच गए और मृतक की आत्महत्या को लेकर सरकार की नीतियों का दोषी ठहराया और आर्थिक मदद के लिए प्रशासन से मांग रखी। पीएम उपरांत शव मृतक के परिजनो को सौंप दिया गया। बताया गया है कि मृतक पिछले कुछ माह से आर्थिक तंगी के चलते काफी परेशान था। कर्ज व बच्चे के बीमारी की वजह से मानसिक रूप से परेशान चल रहा था। सिंचाई के लिए अलग से बिजली कनेक्शन लेने हेतु विद्युत विभाग उस पर दवाब बना रहा था। इन सब समस्या को लेकर वह रविवार को घर से निकल गया घर के लोग कुछ समझ पाते कि उसकी लाश रविवार की सुबह गमछे से बने फंदे पर लटकती पेड़ में पाई गई।
तीन एकड़ हिस्से में थी जमीन
मृतक किसान रत्नेश सिंह के हिस्से में तीन एकड़ जमीन थी। कुछ दिन पूर्व मृतक के खेत से पंप चोरी जा चुका है जहां बारिश न होने के कारण खेत की फसल सिंचाई के अभाव में सूखने की कगार पर है। मृतक द्वारा सोसायटी से १६ हजार रूपए का कर्ज लिया गया था जिसे बैंक के दवाब के चलते पड़ोसियों से कर्ज लेकर उसे चुकता कर दिया था। मृतक के 1 लड़का व 2 लड़कियां हैं जिसमें पुत्र बीमार चल रहा है। जिसके इलाज के लिए चिकित्सकों द्वारा 1 लाख रूपए का खर्च बताया गया है।
कृषि ऋण का मृतक पर दवाब था ऐसा तो नहीं लगता: कलेक्टर
पनवार चौहानन टोला निवासी युवक की मौत पर कलेक्टर दिलीप कुमार ने कहा है कि मृतक का नाम बीपीएल में रहा है इसीलिए उसे आवास की सुविधा दी गई थी। आवास लगभग तैयार भी हो गया है। रही बात कर्ज की तो सहकारी बैंक से जो थोड़ा-बहुत कर्ज लिया था उसे चुकता कर दिया है। कृषि भूमि ज्यादा न होने से यह नहीं कहा जा सकता कि खाद, बीज के लिए मृतक ने बड़ा कर्ज लिया होगा या कर्ज के दवाब में रहा होगा। मौत की वजह क्या है इसे परिवार वाले भी नहीं बता पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जा रही है और असल वजह का पता लगाने प्रयास किया जा रहा है।
Created On :   12 Sept 2017 12:12 PM IST