पेड़ काटने पर PNC के खिलाफ कोर्ट में लगाई याचिका, पर्यावरण को नुकसान

A petition filed against the PNC for cutting the trees on highway
पेड़ काटने पर PNC के खिलाफ कोर्ट में लगाई याचिका, पर्यावरण को नुकसान
पेड़ काटने पर PNC के खिलाफ कोर्ट में लगाई याचिका, पर्यावरण को नुकसान

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। झांसी-खजुराहो हाइवे चौड़ीकरण के नाम पर हजारों पेड़ काट दिए गए हैं। सड़क निर्माण करने वाली कंपनी द्वारा निर्माण के बाद यहां कटीले पेड़ लगाने की बात कही जा रही है। बुंदेलखंड में लगातार पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। निर्माण कंपनी द्वारा जिस प्रजाति के पेड़ काटे गए हैं उसी प्रजाति के पेड़ रोपे जाएं। यह याचिका लोक उपयोगी सेवाएं कोर्ट में एडवोकेट संजय शर्मा द्वारा दायर की गई है। यह याचिका निर्माण कंपनी PNC और परियोजना निदेशक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के खिलाफ प्रस्तुत की गई है।

PNC बिगाड़ रही पर्यावरण
समाजसेवी एडवोकेट संजय शर्मा ने लोक उपयोगी सेवाएं न्यायालय स्थायी लोक अदालत में एक परिवाद प्रस्तुत किया है। इस परिवाद में उन्होंंने PNC इन्फाटेक लिमिटेड, PNC टॉवर एनएच 2, बायपास रोड, सिविल लाइन आगरा और निदेशक भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण विश्वनाथ कॉलोनी छतरपुर को प्रतिवादी बनाया है। याचिकाकर्ता संजय शर्मा ने इन दोनों को पर्यावरण संतुलन बिगाड़े जाने का दोषी बताया है।

30 जून को प्रस्तुत की गई याचिका में संजय शर्मा ने बताया कि झांसी-खजुराहो हाइवे को फोरलाइन में परिवर्तित किया जा रहा है। यह इस क्षेत्र के लिए उपलब्धि हो सकती है। फोर लाइन का निर्माण PNC इंफाटेक लिमिटेड राजमार्ग प्राधिकरण के निर्देशन में सड़क का निर्माण कार्य कर रही है। इस कंपनी द्वारा निर्माण के पहले झांसी से लेकर खजुराहो तक हजारों महुआ,आम, जामुन, पीपल, बरगद, जामुन के पेड़ काट दिए और उखाड़ दिए हैं। यह कई दशक पुराने पेड़ थे। इन पेड़ों को काटे जाने से पर्यावरण को भारी नुकसान हुआ है।

कटीली झाड़ियों से कैसे सुरक्षित होगा पर्यावरण
संजय शर्मा ने याचिका में कोर्ट को बताया कि फोर लाइन निर्माण करने वाली कंपनी द्वारा बहुवर्षीय पेड़ काटे जाने के बाद कटीली झाडिय़ां रोपी जाना हैं। इनसे पर्यावरण की सुरक्षा संभव नहीं है। इनको रोपे जाने के पीछे निर्माण कार्य कंपनी द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि ऐसे पेड़ लगाए जाएंगे जिनकी जड़ों से सड़क को नुकसान न हो। कंपनी द्वारा 10 वर्ष का अनुबंध शासन से किया जाएगा। इनके द्वारा ऐसे ही पौधे रोपे जाएंगे जो दस वर्ष तक चलेंगे। इनसे पर्यावरण की सुरक्षा संभव नहीं हैं।

पर्यावरण बचाना है तो बहुवर्षीय पौधे रोपे जाना चाहिए  संजय शर्मा ने बुंदेलखंड के बदलते पर्यावरण संतुलन का विस्तार से वर्णन याचिका में किया है। इन्होंने बताया कि यहां का जलस्तर लगातार घट रहा है। ऐसे में PNC इंफाटेक लिमिटेड द्वारा हजारों पेड़ काटे जाने से पर्यावरण का संतुलन और बिगड़ेगा, ऐसे में इनसे बहुवर्षीय पौधे रोपित कराए जाएं।

Created On :   2 July 2018 1:47 PM IST

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