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सहारा की 101 एकड़ जमीन बेचकर जमाकर्ताओं को लौटाएंगे पैसे ; कलेक्टर के निर्देश पर सागर में जमीन कुर्की की कार्रवाई
डिजिटल डेस्क सागर । जिला प्रशासन ने सहारा इंडिया कंपनी की सागर से करीब पांच किलोमीटर दूर भोपाल मार्ग पर ग्राम रतौना स्थित करीब 101 एकड़ जमीन को कुर्क कर लिया है। इस बात की पुष्टि करते हुए सागर कलेक्टर ने कहा है कि यह कार्रवाई व्यापक जनहित को देखते हुए की गई है। इस जमीन को बेचकर कंपनी में जमाकर्ताओं की 13 करोड़ से अधिक की राशि उन्हें वापस की जाएगी। सागर में निवेशकों के हित में की गई यह अब तक की एक बड़ी कार्रवाई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार करीब 25 साल पहले सहारा इंडिया कंपनी ने यहां सहारा सिटी बनाने की योजना बनाई थी। कई लोगों ने इसमें भूखंडों की बुकिंग की थी। इन निवेशकों को न तो भूखंड दिए गए और न ही उनकी जमा राशि वापस की गई। इसी मामले में कलेक्टर दीपक सिंह ने निशांत पिता निर्मल जैन निवासी देवरी व अन्य के विरुद्ध सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड सहारा इंडिया लखनऊ की सुनवाई करते हुए अनुविभागीय दण्डाधिकारी सागर को निर्देश दिए हैं।
उन्होंने कहा है कि जमीन को कुर्क करने के मामले में 15 दिन के अंदर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा पदाभिहित किए गए विशेष न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया जाए। बताया गया है कि प्रशासन को सहारा इंडिया कंपनी के विरुद्ध अब तक 1042 शिकायतें प्राप्त हुई हैं। इन शिकायतकर्ताओं की 12 करोड़ 80 लाख 43 हजार 587 रुपए की राशि की वापसी हेतु 40.41 हेक्टेयर भूमि की कुर्की की गई है। कलेक्टर श्री सिंह ने विभिन्न प्रकरणों व साक्ष्यों का उल्लेख करते हुए तहसीलदार सागर एवं मोतीनगर थाना प्रभारी को आदेशित किया है कि वह कंपनी की चल-अचल संपत्ति को कुर्क करना सुनिश्चित करें। संपत्ति खुर्द-बुर्द न हो, इस हेतु आवश्यक व्यवस्था करें तथा म.प्र. निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत कुर्क की गई चल-अचल संपत्ति का विस्तृत ब्यौरा, लेखा या विवरण संबधी रजिस्टर संधारित करें। सहारा क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड कंपनी को चल एवं अचल संपत्ति को विक्रय, दान अथवा अंतरित करने या अधिभारित करने से तत्काल प्रभाव से वंचित किया जाता है। अन्यथा ग्रहण से निषेधित किया जाता है। म.प्र निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम में वर्णित प्रावधानुसार कुर्की के अंत: कालिक अधिनियम आदेश को अत्यंतिक बनाने के लिए जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा पदाभिहित किए गए विशेष न्यायालय में 15 दिवस में आवेदन पत्र प्रस्तुत किया जाना आवश्यक है।
Created On :   29 Dec 2020 2:18 PM IST