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प्रशासन के कब्जे में रहेगी सांतरी मंदिर लोक कल्याण ट्रस्ट
डिजिटल डेस्क छतरपुर । शहर के गायत्री मंदिर के पास स्थित सांतरी मंदिर लोक कल्याण ट्रस्ट का स्वामित्व प्रशासन के कब्जे में ही रहेगा । चतुर्थ व्यवहार न्यायाधीश वर्ग एक सदाशिव दांगौड़े की न्यायालय ने मंदिर के कथित ट्रस्टियों का दावा खारिज करते हुए एसडीएम की रिपोर्ट को सही ठहराया है। कोर्ट ने वादीगणों की तरफ से प्रस्तुत स्वत्व की घोषणा एवं स्थायी निषेधाज्ञा का दावा खारिज करते हुए प्रशासन के पाले में गेंद डाल दी है। न्यायालय ने आदेश पारित करते हुए कहा कि वादीगण सांतरी मंदिर लोक कल्याण ट्रस्ट की विवादित भूमि पर दावे के साक्ष्य प्रमाणित करने में असफल रहे ।
संस्कार वाटिका को राहत से इंकार
यह मामला सांतरी मंदिर के लोक कल्याण न्यास ट्रस्ट के कथित ट्रस्टी जगदीश प्रसाद चौरसिया, रमेश चंद्र चौरसिया, राधाचरण चौरसिया, हनुमतशरण तिवारी सभी निवासी छतरपुर द्वारा मंदिर के स्वत्व को लेकर न्यायालय में दायर किया गया था। वादीगणों का कहना था कि विवादित भूमि में मंदिर में धार्मिक कार्य संचालित हैं । इसके कुछ हिस्से में ज्ञानसागर पब्लिक स्कूल और संस्कार वाटिका नामक मैरिज गार्डन संचालित है। ट्रस्ट के कुछ हिस्से में संचालित स्कूल और मैरिज गार्डन से होने वाली आय का मंदिर के रखरखाव में उपयोग किया जा रहा है । ट्रस्ट का पंंजीयन भी ट्रस्टियों के नाम पर है । इसे आधार बनाकर सांतरी मंदिर लोक कल्याण ट्रस्ट के कथित ट्रस्टियों ने एसडीएम की रिपोर्ट को न्यायालय में चुनौती दी थी । अदालत ने ट्रस्टियों के कथित तौर पर स्वामित्व के दावे को निरस्त कर दिया है।
ये है मामला
तत्कालीन एसडीएम ने शिकायत पर सांतरी मंदिर लोक कल्याण ट्रस्ट की जांच करते हुए कथित ट्रस्टियों के खिलाफ राजस्व प्रकरण दर्ज करते हुए रिकार्डों की जांच की थी । जांच में पाया कि ट्रस्ट के खसरा नंबरों पर मंदिर सांतरी तलैया के प्रबंधक बतौर कलेक्टर दर्ज है । विवादित ट्रस्ट की जमीन नहीं है इस पर शासन का स्वामित्व है। शासन की बहुमूल्य सम्पत्ति पर व्यवसायिक गतिविधियां संचालित कर ट्रस्ट की भूमि का दुरूपयोग किया जा रहा है । एसडीएम ने ट्रस्ट को भंग करने के लिए 23 सितंबर 11 को जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को भेजा गया था । आरोप है कि कथित ट्रस्टियों द्वारा न्यास का विकास नहीं किया गया है। परिसर में प्राथमिक शाला ज्ञान सागर पब्लिक स्कूल को किराये में दिया गया है, इसके साथ ही संस्कार वाटिका मैरिज गार्डन संचालित कर ट्रस्ट के नाम पर व्यवसाय कर आय अर्जित की जा रही हैै । ट्रस्ट द्वारा मंदिर की आय-व्यय का ब्यौरा संधारित नहीं किया गया है । साथ ही कथित ट्रस्टियों द्वारा भूमियों के पंजीयन और विक्रय की अनुमति नहीं ली गई है। ट्रस्ट के द्वारा चोरी छिपे जमीन का विक्रय कर दिया गया है । इसके चलते संस्कार वाटिका और स्कूल संचालित होने लगे हैं । एसडीएम ने ट्रस्ट की सम्पत्ति का दुरूपयोग करने पर भंग करने की कार्रवाई कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत की थी । इसके खिलाफ कथित ट्रस्टियों ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था । कोर्ट ने एसडीएम की रिपोर्ट को सही ठहराते हुए वादीगणों को राहत देने से साफ इंकार कर दिया है । मामले में शासन की तरफ से शासकीय अधिवक्ता दिनेश तिवारी ने पक्ष रखा।
Created On :   16 Dec 2017 1:20 PM IST