चिक्की के बाद अब पशु चारे के टेंडर में भी घोटाला

Amravati - After Chikki, now there is a scam in the tender of animal feed
चिक्की के बाद अब पशु चारे के टेंडर में भी घोटाला
अमरावती चिक्की के बाद अब पशु चारे के टेंडर में भी घोटाला

डिजिटल डेस्क, अमरावती। जिले के ग्रामीणों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने का दायित्व जिप प्रशासन के कंधों पर होता है। इसीलिए जिला परिषद को मिनी मंत्रालय के तौर पर भी जाना जाता है। लेकिन लॉकडाउन की कालावधि में जिला परिषद के अलग-अलग विभागों में होने वाले कार्यों को लेकर अनियमितता करने के मामले सामने आए हैं। जिसमें शिक्षा विभाग की ओर से पुस्तक, चिक्की खरीदी को लेकर भ्रष्टाचार करने की जानकारी सामने आई है। जबकि गर्मियों से पूर्व किसानों के मवेशियों को चारा किल्लत से मुक्त रखने के लिए चारा केंद्र बनाने का कार्य शुरू किया गया था। लेकिन इसकी टेेंडर प्रक्रिया में भी घोटाला होने की बात कही जा रही है। 

विशेष बात यह है कि जिप के नए सीईओ अविश्यांत पंडा द्वारा इन कार्यों में हुई आर्थिक अनियमितता  को उजागर करने के लिए तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। जिप शिक्षण विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रंथालयों में उपयोगी पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए 28 लाख रुपए की लागत से किताबें खरीदनी थीं। लेेकिन प्राप्त जानकारी के अनुसार केवल 13 लाख की पुस्तकें खरीदी गई है। जबकि उपलब्ध कराई गई राशि का संपूर्ण बिल पास किया जा चुका है। जिप ऑडिट विभाग द्वारा किए गए मूल्यांकन से इस अनियमितता की बात सामने आई है। जिला परिषद में इसके पहले भी शिक्षण कार्यों से जुड़ी योजनाओं में इस तरह की आर्थिक अनियमितता देखी जा चुकी है। इसी तरह इस वर्ष जिलेभर में करीब 40 नए चारा केंद्र बनाने की तैयारी की गई थी। अमरावती जिले में प्रतिवर्ष ग्रीष्मकाल के दौरान चारे की उपलब्धता को लेकर संकट निर्माण होता है। ऐसे में पशुपालक किसानों को राहत उपलब्ध कराने के उद्देश्य से पंचायत क्षेत्रों में यह केंद्र बनाने थे। इसके लिए मनरेगा अंतर्गत 80 लाख रुपए उपलब्ध कराए गए थे। जबकि पशु विभाग की ओर से 23 लाख रुपए की निधि सौंपी गई थी। दुर्भाग्यवश टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद अब तक केवल 28 चारा केंद्र ही बनाए जा सके हैं। इस मामले में जिप निर्माणकार्य विभाग के अधिकारियों की संलिप्तता के आरोप लगाए जा रहे हंै। 

ठेकेदारों से मिलीभगत का आरोप 

अमरावती जिप अंतर्गत बनाए जाने वाले 40 चारा केंद्रों की जिम्मेदारी जिप निर्माणकार्य विभाग को सौंपी गई थी। लेकिन निर्माणकार्य विभाग के अधिकारियों पर टेंडर प्रक्रिया में अपने पसंदीदा ठेकेदारों को लाभ देने का आरोप लगाया जा रहा है। पदाधिकारियों की ओर से यह भी कहा गया है कि इस मामले में अधिकारियों द्वारा स्थायी समिति को अंधकार में रखकर निर्णय लिए गए हैं। फिलहाल इस मामले में राशि उपलब्ध कराने के सभी अधिकारी स्थायी समिति ने अपने हाथों में ले लिए है। 

 

Created On :   10 Dec 2021 12:17 PM GMT

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