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नौकरी के नाम पर विश्वविद्यालय के अधिकारी ने किया युवती का शोषण, गुमनाम पत्र से मचा हड़कंप
डिजिटल डेस्क, छतरपुर। विश्वविद्यालय में नौकरी के नाम पर एक युवती के शारीरिक शोषण एवं पीड़ित द्वारा पुलिस कप्तान को भेजा गया गुमनाम पत्र बुधवार को दिन भर आम लोगों एवं सोशल मीडिया में चर्चा का विषय बना रहा है। इस पत्र को लेकर पुलिस कप्तान का कहना है कि वे पूरे मामले की बारीकी से जांच करवा रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जिले को मिली विश्वविद्यालय की सौगात से जहां लोगों के चेहरे खिले थे, वहीं विगत चार साल के स्थापना काल से विश्वविद्यालय प्रबंधन नियुक्तियों एवं व्यवस्थाओं को लेकर विवादों में घिरा रहा है। विश्वविद्यालय प्रशासन इस नये विवाद को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन जिस अधिकारी का गुमनाम पत्र में हवाला दिया गया है, वह पूर्व के भी ऐसे आरोपों में घिरा रहा है, लेकिन अपनी राजनीतिक पहुंच के चलते पुलिस के हाथ उसके गिरेबान तक नहीं पहुंच पाए।
क्या है पत्र में
पुलिस अधीक्षक को भेजे गए कथित युवती के गुमनाम पत्र में उल्लेख किया गया है कि विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने नौकरी लगवाने के नाम पर शहर की एक पॉश कॉलोनी में बुलाया, जहां उसका शारीरिक शोषण किया गया। अपनी अस्मत लुटाकर भी जब युवती को नौकरी नहीं मिली, बल्कि आरोपी द्वारा पीड़िता को एक और अधिकारी के पास परोसने की कोशिश की गई, तब उसने अपनी व्यथा एक गुमनाम पत्र के जरिए पुलिस कप्तान को भेजी, ताकि दूसरी युवतियां इसका शिकार न बने। पीड़िता नौगांव क्षेत्र की रहने वाली है, जिसका यह भी कहना है कि अधिकारी इस पास कॉलोनी में ऐशगाह बनाए हुए है, जहां उसका शोषण किया गया।
विवादों में प्रशासन
लम्बे अरसे से नियुक्तियों को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन विवादों में घिरा रहा है। इस गुमनाम पत्र से यहां अधिकारियों में हड़कंप मच गया है। दो साल पहले तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी की नियुक्ति में करोड़ों की वसूली की शिकायत हुई थी। जिसके बाद सेवा निवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जांच टीम गठित हुई थी। यह जांच अभी तक किस स्तर में पहुंची यह बताने वाला कोई नहीं है। भाजपा नेता और महाराजा कॉलेज जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष दिग्विजय त्रिपाठी ने भी सार्वजनिक रूप से विश्व विद्यालय में नियुक्तियों को लेकर करोड़ों की वसूली का आरोप लगाया था।
कांग्रेस ने दी आंदोलन की चेतावनी
जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मनोज त्रिवेदी ने कथित गुमनाम पत्र को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक से जांच एवं कार्रवाई की मांग की है। साथ ही त्रिवेदी ने इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री का विरोध करने एवं आंदोलन की चेतावनी दी है। उन्होंने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री के इशारे पर विश्वविद्यालय का भाजपाईकरण हो चुका है, जहां खुलेआम नौकरी के नाम पर लूट मची है।
इनका कहना है
कथित गुमनाम पत्र की बारीकी से जांच हो रही है, जो भी इस मामले में दोषी होंगे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पत्र में जिन बिन्दुओं का उल्लेख किया गया है एवं उस कॉलोनी का नाम है वहां भी पुलिस टीम जांच कर रही है।
-विनीत खन्ना, एसपी
Created On :   13 Sept 2018 1:44 PM IST