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संविदा लिपिकों पर मेहरबानी, नियम विरूद्ध बना दिया लेखापाल
डिजिटल डेस्क सीधी। जिला शिक्षा केन्द्र द्वारा जनपद शिक्षा केन्द्रों में बिना पद स्वीकृति के संविदा लिपिकों को लेखापाल नियुक्त कर दिया गया है। नियुक्ति के संबंध में शिकायत होने पर राज्य शिक्षा केन्द्र ने अवैध करार दे दिया है। नियुक्ति समिति की होने वाली बैठक में फिर से नियुक्ति पर विचार किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि तत्कालीन जिला परियोजना समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र सीधी एचपी कुर्मी द्वारा जिला नियुक्त समिति को राज्य शिक्षा केन्द्र के निर्देशो को ताक में रखकर जनपद शिक्षा केन्द्रों में बिना पद स्वीकृत के संविदा लिपिक के पद पर कार्यरत चार कर्मचारियों को मानवीय आधार पर संविदा लेखापाल के पद पर 28 मार्च 2011 को नियुक्त कर दिया गया।
चारों संविदा लिपिक बर्ष 2011 से अब संविदा लेखापाल का वेतन ले रहे है। विकास खण्ड कार्यालयों में कार्यालय के स्थापना के बाद लेखापाल का पद स्वीकृत किया गया था वही पद की पूर्ति प्रतिनियुक्त से ही जानी थी। बता दें कि एचपी कुर्मी जिला परियोजना समन्वयक पद पर पदस्थ होने के बाद से अनियमितताओं को लेकर सुर्खियों रहे है। संविदा लेखापाल की नियुक्त लेकर राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा राज्य स्तरीय समिति में निर्णय लेकर इस प्रकार की नियुक्त को अवैध एवं नियम विरूद्ध होना बताया गया है। श्री कुर्मी द्वारा किए गए नियुक्त को निरस्त करने का आदेश भी दो बार दिया जा चुका है। बताते चले की पद की नियुक्ती के लिए कोई विज्ञापन, आरक्षण सहित अन्य नियमावली का प्रयोग नही किया गया है।
इनकी हुई नियुक्ती
एचपी कुर्मी द्वारा तत्कालीन कलेक्टर एसएन शर्मा को अधेरे में रखकर राजबहोरन कुशवाहा को सिहावल, शिवदायल शर्मा रामपुर नैकिन, शिव नारायण सिंह सीधी एवं दयाशंकर सोनी को कुसमी में संविदा लेखापाल पद पर नियुक्त किया गया था। जबकि लेखापाल की निर्धारित योग्यता भी इनके पास नही थी।
कोर्ट पहुंचा मामला
नियम विरूद्व भर्ती को लेकर हाईकोर्ट जबलपुर में मामला पंजीबद्व था। न्यायालय द्वारा 14 फरवरी 2018 को आदेश पारित किया था कि तीन माह के भीतर जिला नियुक्त समिति संविदा लेखापालों के पक्ष सुनकर आदेश पारित करे। तीन माह बीत जाने के बाबजूद अब तक प्रकरण निपटारा नही किया जा सका है। सूत्रों की मानें तो मानवीय आधार पर संविदा नियुक्त लेखापाल को जबरन मानवीय आधारपर रखे जाने का प्रयास किया जा रहा है। नियुक्ती को लेकर सीएम हेल्पलाइन, पीएम हेल्पलाइन, मुख्य सचिव मप्र शासन एवं प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा को किया गया है। खास बाद तो यह हैं कि पिछले 8 बर्ष में पत्र का जबाब तो आया लेकिन सिर्फ कार्रवाई करने की बात की जाती रही है।
नियम विरूद्व हुई नियुक्ती
जिला शिक्षा केन्द्र समन्वयक डॉ केएम द्विवेदी ने स्वीकार किया कि तत्कालीन परियोजना समन्वयक द्वारा लिपिक को सीधे संविदा लेखापाल के पद पर नियम विरूद्ध नियुक्त किया गया था। हाईकोर्ट के निर्णय के आधार पर राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा नियुक्ती को अवैध बताया गया है तथा जिला नियुक्त समिति को तत्काल कार्रवाही करने के आदेश दिए गए है। नियुक्त समिति बैठक 5 मई को किया जाना है।
Created On :   5 May 2018 1:31 PM IST