संगीत समारोह में आकर्षक मुद्राभिनय और जबरदस्त संवादशैली से कलाकारों ने जमाया रंग

Artists filled the hall with excitement with their presentation
संगीत समारोह में आकर्षक मुद्राभिनय और जबरदस्त संवादशैली से कलाकारों ने जमाया रंग
संगीत समारोह में आकर्षक मुद्राभिनय और जबरदस्त संवादशैली से कलाकारों ने जमाया रंग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, नागपुर द्वारा सुप्रसिद्ध गायक एवं नट स्व. डॉ. वसंतराव देशपांडे की स्मृति में तीन दिवसीय संगीत समारोह का आयोजन किया गया। समारोह के समापन के अवसर पर  चन्द्रगुप्त वर्णेकर, श्रीनिवास वर्णेकर, अमोल बावडेकर द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इस अवसर पर दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के संचालक डॉ. दीपक खिरवड़कर, कार्यक्रम अधिकारी दीपक कुलकर्णी, शशांक दंडे, पी एस. तिवारी, दीपक पाटिल आदि उपस्थित थे।  मुख्य अतिथियों के करतालों से अंतरराष्ट्रीय ख्याति के वरिष्ठ चित्रकार प्रमोद बाबू रामटेके,  लोककला नाटक कलाकार  हेमंत वैष्णव, ‘स्वराली’ जैसी संगीत संस्था की स्थापना करने वालीं नंदिनी सहस्त्रबुद्धे का सत्कार किया गया। 

नाटक का हुआ मंचन
इस उपरांत ‘संगीत सन्यस्त खड्ग’ नाटक शुरू हुआ। इस संगीत नाटक का लेखन स्वातंत्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर ने किया है। संगीत दीनानाथ, निर्देशन- प्रमोद पवार, संगीत संशोधन- डॉ. रवींद्र घांगुर्डे, सुमित पाटिल, सूत्रधार- सुधीर ठाकुर, रंगभूषा- राजन वर्दम, वेशभूषा- सयाजी, सूरज, पार्श्वसंगीत- नंदलाल रेले, ध्वनिसंकेत- गणेश खेडेकर, रंगमंच व्यवस्था- शिवराम राड्ये, संतोष भुवद, भीकू लगम, प्रमोद निवले, संगीत साथ ऑर्गन में प्रकाश वगल, चंद्रशेखर बाम्बर्डेकर, तबले में वैभव जोशी का सहयोग था।

सिद्धार्थ गौतम की शीर्ष भूमिका में भारत चव्हाण, विक्रम सिंह की भूमिका में संदीप सोमण ने निभाई। साथ ही आनंद पालव, संपदा माने, अमोल बावडेकर, सुनील जोशी, प्राची सहस्त्रबुद्धे, श्रद्धा फाटक, सचिन नवरे, शिवाजी रेडेकर, विलास म्हामणकर तथा विशाखा म्हामणकर ने भी अलग-अलग भूमिकाएं निभाईं। अमोल बावडेकर एवं संपदा माने इनका आकर्षक मुद्राभिनय और मीठी आवाज में गायन ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। सिद्धार्थ गौतम की मुख्य भूमिका में भरत चव्हाण ने बुद्ध की शांत चित्त धीरगंभीर प्रतिमा को अपने अभिनय से उजागर किया। कार्यक्रम के दौरान संदीप सोमण ने अपने संवादों से समां बांधे रखा।

 



मध्यवर्ती कारागृह में रफी की यादें 
मंदा बहुउद्देशीय समाज विकास संस्था द्वारा मध्यवर्ती कारागृह में पद्मश्री मोहम्मद रफी की 38वीं पुण्यतिथि के अवसर पर सुमधुर गीतों की प्रस्तुति युवराज चौधरी और साथियों द्वारा दी गई। कार्यक्रम के शुभारंभ पर संस्था की अध्यक्ष मंदा वैरागडे, अधीक्षक मध्यवर्ती कारागृह रानी भोसले, वरिष्ठ जेल अधिकारी वसंत वानखेडे, वाय एस पाटील द्वारा मोहम्मद रफी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर विशेष रूप से समाज कल्याण आयुक्त सिद्धार्थ गायकवाड, रेल प्रबंधक नागदिवे, डीसीपी खेडीकर, थूल, और दूरदर्शन अधिकारी रोशन सोमकुंवर उपस्थित थे।

कार्यक्रम का प्रारंभ "मन रे तूं काहे ना" से शुरू हुआ। जिसमें युवराज चौधरी ने रफी साहब के गीत "तुम मुझे यू भुला न पाओगे", "वो जब याद आये","आज पुरानी राहों से","सौ बार जन्म लेंगे","नजर आती  नहीं मंजिल","दूर रह कर ना करो बात" आदि की प्रस्तुति की गई। गणेश मडावी ने "एहसान तेरा होगा होगा मुझ पर","चाहूंगा मैं तुझे","दिल की आवाज भी सुन" पेश किया। अमिता कांबले ने "तेरी आंखो के सिवा","जो वाद किया वो","पत्ता पत्ता बूटा बूटा", "बेखूदी में सनम", "कितना प्यारा वादा" आदि गीतों की प्रस्तुति दी।

गायक कलाकारों का साथ वाद्ययंत्रों पर प्रशांत खडगे (बोर्ड), विकास बारापात्रे (ऑक्टो पॅड), शैलेश देवघरेने (ढोलक-तबला) में किया। कार्यक्रम का संचालन राजेंद्र तिवारी ने किया। ध्वनि प्रक्षेपण सुनील कुमार ने संभाला। कार्यक्रम में जेल अधिकारी विकास रजनलवार, कमलाकर मिरासे, आनंद कांढ़े, शिक्षक संजीव हटवाढे, योगेश वाटील, लक्ष्मण सालवे, सोनाली पाटील, डॉ. ममता कुलकर्णी, मोरेश्वर सूर्यभान झोडे आदि की उपस्थिति थी।

Created On :   1 Aug 2018 10:42 AM GMT

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