बकस्वाहा हीरा खदान  की 28 को खुलेगी बोली - खजुराहो में बनेगा डायमंड म्यूजियम एवं नीलामी केंद्र

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
बकस्वाहा हीरा खदान  की 28 को खुलेगी बोली - खजुराहो में बनेगा डायमंड म्यूजियम एवं नीलामी केंद्र

डिजिटल डेस्क छतरपुर । पर्यटन नगरी खजुराहो में जल्द ही एक डायमंड म्यूजियम व मप्र का पहला डायमंड नीलामी केंद्र खोला जाएगा। यह जानकारी खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने शनिवार की शाम खजुराहो में दी। खनिज मंत्री जायसवाल के अनुसार पन्ना के महेंद्र भवन में भी प्रदेश का सबसे बड़ा डायमंड पार्क का निर्माण किया जाएगा। इसके अलावा छतरपुर में ग्रेनाइट के स्टोन पार्क पर भी दोबारा काम शुरू होगा। खनिज साधन मंत्री प्रदीप जायसवाल शनिवार की शाम पन्ना से खजुराहो पहुंचे। वे रविवार को यहां विभाग की संभागीय समीक्षा बैठक करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सरकार बुन्देलखण्ड में खनिज सम्पदा के माध्यम से रोजगार एवं पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए कदम उठा रही है। इसी के तहत खजुराहो में जल्द ही एक डायमंड म्यूजियम एवं मप्र का पहला डायमंड नीलामी केन्द्र खोला जाएगा। वहीं पन्ना के महेन्द्र भवन में प्रदेश के सबसे बड़े डायमंड पार्क का निर्माण किया जाएगा। खनिज विभाग ने इन दोनों ही केन्द्रों की स्थापना के लिए जमीनों का चिन्हांकन कर लिया है। मंत्री रविवार को इन दोनों स्थानों का अवलोकन करेंगे।
ऑनलाइन नीलामी
जिला खनिज अधिकारी अमित मिश्रा ने बताया कि बक्स्वाहा क्षेत्र में स्थित बंदर प्रोजेक्ट के अंतर्गत एशिया की सबसे बड़ी हीरा खदान की नीलामी की प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। इस 55 हजार करोड़ की हीरा खदान के लिए 5 बड़ी कंपनियों ने तकनीकी निविदाएं 13 नवंबर को जमा कर दी हैं। इन कंपनियों में एनएमडीसी, बिरला ग्रुप की एस्सेल माइनिंग, रूंगटा माइन्स लिमिटेड, अडानी ग्रुप की चेंदीपदा कालरी एवं वेदांता शामिल हैं। कंपनियों ने नियम अनुसार 56 करोड़ रुपए की सुरक्षा निधि भी जमा कर दी है। उल्लेखनीय है कि इस निविदा में शामिल होने के लिए सरकार ने कंपनियों की नेटवर्थ 1100 करोड़ रुपए की अनिवार्यता रखी थी। 27 नवंबर को इन तकनीकी निविदाओं का मूल्यांकन किया जाएगा और 28 नवंबर को इस खदान की प्रारंभिक बोली खोली जाएगी। उसके अगले दिन ऑनलाइन नीलामी संपादित की जाएगी।
34 मिलियन कैरेट हीरे का भंडार अनुमानित
खनिज विभाग ने अनुमान जताया है कि छतरपुर जिले के बक्स्वाहा क्षेत्र में स्थित बंदर प्रोजेक्ट की इस हीरा खदान में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ किस्म के हीरे निकाले जा सकेंगे। इनकी कीमत लगभग 55 हजार करोड़ रुपए होगी। अनुमान है कि यहां 34 मिलियन कैरेट हीरे का भंडार है। यह पन्ना की एनएमडीसी के दो मिलियन कैरेट डिपोजिट से 17 गुना भंडार होगा। इस तरह से छतरपुर की यह मैकेनाइज्ड डायमंड माइन्स एशिया की सबसे बड़ी डायमंड माइन्स होगी।
रोजगार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि मप्र में एक तरफ जहां खनिज सम्पदा के अपार भण्डार हैं तो वहीं कई दर्शनीय पर्यटन स्थल भी हैं। खनिज संसाधनों और पर्यटन संभावनाओं को आपस में समायोजित कर रोजगार की विराट संभावनाओं का निर्माण करने के लिए खनिज मंत्रालय एवं पर्यटन मंत्रालय मिलकर काम कर रहे हैं। इसी उद्देश्य के चलते पिछले दिनों मप्र राज्य खनिज निगम एवं मप्र पर्यटन विभाग की एक संयुक्त टीम ने खजुराहो एवं पन्ना में डायमंड पार्क व डायमंड ऑक्शन कम म्यूजियम खोलने की दिशा में कदम उठाए थे। इस संयुक्त दल ने मुंबई स्थित डायमंड म्यूजियम का भ्रमण कर उसके अनुरूप मप्र में कार्यवाही शुरू की। इसी कार्यवाही के परिणामस्वरूप चंदेलकालीन मंदिरों के नगर खजुराहो में मप्र के पहले डायमंड म्यूजियम एवं डायमंड ऑक्शन सेंटर की स्थापना के लिए जमीन चिन्हित की है। सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश के इस पहले डायमंड नीलामी केन्द्र में हिस्सा लेने के लिए सूरत और मुंबई के बड़े हीरा कारोबारियों को खजुराहो बुलाया जा सकेगा। इससे न सिर्फ खजुराहो का आर्थिक विकास होगा बल्कि पर्यटन के माध्यम से रोजगार भी लोगों को मिल सकेगा।

Created On :   18 Nov 2019 2:53 PM IST

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