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स्कूल और पब्लिशर्स के बीच फिक्स हो गया कमीशन, बाजार में अभिभावकों को लूटने की तैयारी
डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। एक बार फिर विभागीय उदासीनता और सिर्फ कार्रवाई के लिए रोक लगाने वाले आदेश के इंतजार में अभिभावक ठगने को तैयार है। अप्रैल माह से जिले के सभी शासकीय-अशासकीय स्कूलों में नया शिक्षा सत्र शुरू हो जाएगा। इसके साथ ही नए सत्र के लिए पुस्तक-कॉपियों का बाजार भी सजकर तैयार रहेगा जहां निर्धारित दुकान पर तय स्कूलों की कॉपी-किताबे मिलेगी और वह भी दुकानदार के मनचाहे दाम पर। हर साल की तरह इस बार भी करोड़ों रुपए के इस बाजार से अभिभावक पहुंचेंगे लेकिन इन सभी से बेपरवाह अधिकारी इस ओर ध्यान देने से बच रहे है। यानी स्कूल पब्लिशर्स तय हो चुके और इनके बीच कमीशन भी तय है लेकिन इन पर अंकुश लगाने के लिए कोई ध्याान नहीं दे रहा है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी आदेश जारी होगा और कुछ दुकानों की जांच होने के बाद मामला हर बार की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
पहले भी जारी हो चुके यह आदेश
पिछले वर्ष भी यह आदेश जारी हो चुके है जिसमें निजी स्कूलों के द्वारा पुस्तक, यूनिफार्म या अन्य किसी भी शैक्षणिक सामग्री को खरीदने के बाध्य करने या फिर किसी एक दुकान को अधिकृत करने पर कार्रवाई की बात कहीं गई थी। यहां पर शैक्षणिक सामग्री के विक्रय पारदर्शिता लाने के लिए दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया जाता है। इस आदेश के जारी होने के बाद निजी शालाओं के संचालकों को पुस्तकों पाठ्य सामग्री की सूची 24 घंटे के भीतर जिला शिक्षा अधिकारी या फिर विकासखंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी के पास जमा करना होता है।
डीईओ बोले कर रहे आदेश जारी
एक बार फिर जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद चौरगड़े का कहना है कि
निजी पब्लिर्शस ेकी पुस्तकें और यूनिफार्म की खरीदी एक ही दुकान से खरीदी के लिए बाध्य करने पर कार्रवाई करने के लिए जल्द आदेश जारी किया जा रहा है। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा करने के बाद आदेश जारी किया जा रहा है जिसके तहत इन सभी पर रोक लगाई जाएगी। अब देखने वाली बात है कि जिला शिक्षा विभाग की ओर से यह आदेश कब तक जारी हो पाता है।
आदेश को लेकर संशय
24 फरवरी को राज्य शिक्षा केन्द्र की निदेशक अनुभा श्रीवास्तव की ओर से एजुकेशन पोर्टल पर जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश जारी किया है। यहां पर प्राइवेट प्रकाशकों की पुस्तकों द्वारा चलाई जाने वाली पुस्तकों पर सख्ती से रोक लगाने के लिए उल्लेखित किया है। लेकिन इस आदेश को लेकर विभाग संशय बता रहा है। यहां पर स्थानीय अधिकारी ने वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन लेने की बात कर रहे है।
Created On :   2 March 2020 3:04 PM IST