3 माह के बिजली बिल थमाकर योजना के लाभ से वंचित कर रही कंपनी

Company deprived of benefits of the scheme by giving 3 months electricity bill
3 माह के बिजली बिल थमाकर योजना के लाभ से वंचित कर रही कंपनी
3 माह के बिजली बिल थमाकर योजना के लाभ से वंचित कर रही कंपनी

डिजिटल डेस्क छतरपुर । मप्र पूर्वी क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने रविवार को शहर में पहला समस्या निवारण शिविर लगाया। शिविर में सैकड़ों उपभोक्ताओं ने मनमाने बिल आने की शिकायत की, लेकिन विद्युत कंपनी के एई का कहना है कि केवल 11 उपभोक्ताओं ने शिकायत की है। शासन के निर्देशों के अनुसार शिविर को शाम पांच बजे तक चलना था, लेकिन अधिकारी दो बजे ही ताला लगाकर चलते बने। सबसे दुखद पहलू यह रहा कि अधिकांश उपभोक्ता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम से भेजे गए उस एसएमएस की दुहाई देकर बिल आधा करने की मांग कर रहे थे, जिसमें लॉकडाउन के समय में बिल आधा जमा करने की बात कही गई है, लेकिन विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी इन उपभोक्ताओं को गोल-मोल जवाब देकर टाल रहे थे। इस पर उपभोक्ताओं ने कड़ा आक्रोश जताया। 
800 रुपए का बिल तो कम है, जमा कर दो
शिविर में आए सीताराम कॉलोनी निवासी महेंद्र पाठक ने शिकायत करते हुए बताया कि उनका मार्च, अप्रैल-20 में 30-30 यूनिट का बिल आया, लेकिन मई में बिल बढ़कर 800 रुपए का आया। जब उन्होंने शिविर में मुख्यमंत्री के निर्देश का एसएमएस दिखाते हुए उसी के अनुसार बिल आधा करने की मांग की तो कंपनी के अधिकारी ने कहा कि इतना कम बिल तो आया। और क्या चाहते हो। जमा कर दो।
पहले आते थे 30 यूनिट के बिल, अब आ गया 332 यूनिट का 1550 रुपए का बिल
कृष्णा कालोनी निवासी जसोदा बाई ने अपना बिल अधिकारियों को दिखाते हुए बताया कि माह फरवरी -20 में 24 यूनिट, मार्च-20 का 24 यूनिट, अप्रैल में 50 यूनिट का बिल दिया। वहीं, मई 2020 का बिल 332 यूनिट का 1550 रुपए का बिल थमा दिया। जसोदा का कहना था कि उनके घर चलकर रीडिंग ली जाए और मुख्यमंत्री के निर्देश के अनुसार बिल आधा किया जाए। लेकिन अधिकारी उसकी बात को अनसुना कर रहे थे। हालांकि बाद में उसे कहा -कि तुम दो दिन बाद आना, समाधान कर देंगे। इसी तरह चेतगिरी कालोनी के लक्ष्मीनारायण गुप्ता का फरवरी-20 में 96, मार्च में 96 यूनिट का बिल आया। वहीं अप्रैल में 285 यूनिट का बिल दिया। मई में यह 257 यूनिट का बिल 7513 रुपए का बिल थमा दिया। उनका कहना था कि बगैर मार्च-अप्रैल के बिल सही आते तो यह इक_े बिल नहीं आते। इससे उन्हें योजना से वंचित किया जा रहा है।
छूट होने के बाद भी कम आने के बजाय बढ़ गए बिजली बिल
विश्वनाथ कॉलोनी से राजू रैकवार, चौबे कॉलोनी से बालादीन कुशवाहा, देशराज चौरसिया, पुराना रोजगार कार्यालय के पास निवासी राघवेंद्र रैकवार ने बताया कि हमारा लॉकडाउन के समय से बिल जमा नहीं हुआ है। इसके पहले हम लोगों के 100 रुपए और 300 रुपए के बीच बिल आता था, लेकिन अब छूट होने के बाद भी 1500 से 2 हजार रुपए बिल आए हैं। उपभोक्ताओं ने बताया कि अब कहा जा रहा है कि अधिक बिल आने से आपको योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा, आप बिल जमा करें। इसमें अब कोई संशोधन नहीं होगा। उपभोक्ताओं ने कहा कि जब जून में रीडिंग ली गई है तो वर्ष 2019 की रीडिंग के हिसाब से बिल देने का मतलब ही क्या है, फिर आपके इस शिकायत शिविर मतलब ही क्या है। जब कोई समाधान नहीं होना है। वहीं शासन ने 400 रुपए तक बिल के लिए मात्र 100 रुपए और इससे अधिक के बिल के लिए आधा जमा करने की बात कही थी। अब एक साथ तीन माह के बिल दिए जाने से उपभोक्ता खासे परेशान नजर आए। शिविर में कोई भी उपभोक्ता संतुष्ट नजर नहीं आया।
मीटर जांचने के एवज में 2200 रुपए मांगे
सीताराम कॉलोनी के आरबी पांडेय के पुत्र आकाश पांडेय के बताया कि हमारा पिछले 6 माह से बिजली का बिल अधिक आ रहा है। यहां तक सर्दियों में भी 2 से 3 हजार रुपए के बीच में बिल आया। अभी लॉकडाउन के बाद 9 हजार रुपए बिल आया। उपभोक्ता द्वारा कार्यालय जाने पर कहा गया कि आपका बिल अधिक आया है। आपको कोई लाभ नहीं मिलेगा। उपभोक्ता ने कहा कि हमारा 6 माह से इसी तरह अधिक बिल आ रहा है, जबकि इतनी खपत नहीं हो रही है, हमारा मीटर चैक कराएं। इस पर काउंटर नंबर 2 में मौजूद कर्मचारियों ने कहा कि मीटर चैक कराने में 2200 रुपए लगेंगे और आपको सागर जाना होगा, जब जांच होगी, इसका खर्चा भी स्वयं वहन करना होगा। हालांकि बाद में एई ने स्पष्ट किया कि कोई शुल्क नहीं लगेगा।
2019 की खपत के हिसाब से दिए बिल
बिजली बिल संबंधी शिकायत निवारण शिविर में उपभोक्ताओं की सुनवाई सहायक अभियंता सर्वेश शुक्ला द्वारा अधीनस्थ अमले के साथ की गई। उन्होंने उपभोक्ताओं से कहा कि कि लॉकडाउन में रीडिंग नहीं ली गई है, इससे वर्ष 2019 के हिसाब से बिल उपभोक्ताओं को दिए गए। जब उपभोक्ता बोले कि अभी जून में हमारी रीडिंग ली गई। इसी हिसाब से बिल लें। बिल में 2019 के हिसाब से खपत लेने का कोई जिक्र नहीं है। लॉकडाउन के पहले हम लोगों के नाम मात्र के बिल आए हैं, अब भारी भरकम बिल थमा दिए गए हैं। साथ ही कहा जा रहा है कि यह छूट के बाद ही बिल आए हैं। इससे उपभोक्ता खासे परेशान नजर आए। परेशान उपभोक्ता साढ़े 3 बजे तक साहब के चेंबर के बाहर आने का इंतजार करते रहे, लेकिन बाद में अधीनस्थ अमले ने बताया कि साहब अब नहीं आएंगे शिविर का समय 2 बजे तक ही था।
व्शिविर में कुल 11 शिकायतें आई थी, जिनका समाधान किया है, वैसे 50-60 उपभोक्ता थे, जिन्हें समझाइश दी है। मैं दो बजे काम से निकल गया था, कल भी समस्याओं का समाधान होगा। सारी समस्याओं का एक दिन में समाधान संभव नहीं है। जिन्हें शिकायत है, वे कल फिर से आएं, उनका समाधान होगा।
- सर्वेश शुक्ला, सहायक अभियंता

Created On :   29 Jun 2020 12:38 PM GMT

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