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ठेकेदार को माइनिंग प्लान के साथ सिया और पर्यावरण की लेनी होगी एनओसी
डिजिटल डेस्क छतरपुर । जिले की सभी रेत खदानों का ठेका भले ही एक निविदाकर्ता को मिल गया हो, लेकिन उसे काम शुरु करने में अब भी 15 दिन का समय लग सकता है। इस बार जिले की बोली लगभग 76 करोड़ रुपए तक गई है। ऐसे में रेत के दाम बेहद महंगे होना तय है। खनिज विभाग इसके दाम काबू में रखने एवं गरीब लोगों को रेत आसानी से उपलब्ध हो सके, इसके कोई उपाय नहीं किए हैं। खनिज विभाग की माने तो नए निविदाकार आनंदेश्वर कंपनी ने अभी तक तय नियम के अनुसार शासन के पास निर्धारित राशि जमा नहीं की है। राशि जमा करने के बाद ठेकेदार को 18 नई रेत खदानों का माइनिंग प्लान बनवाना पड़ेगा। उसके बाद रेत खदानें चालू करने के लिए सिया और पर्यावरण की एनओसी लेनी होगी। जब तक पूरी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती, तब तक खदानें हैंडओवर नहीं होंगी। गौरतलब है कि नए निविदाकार को जिले की कुल 48 रेत खदानें लगभग 76 करोड़ में स्वीकृत की गई है। इन सभी रेत खदानों से ठेकेदार प्रति साल 17 लाख घनमीटर रेत निकाल सकता है।
लोगों को राहत नहीं
नए नियम के तहत रेत खदानों की नीलामी से शासन को भले ही तीन से चार गुना राजस्व मिल जाए, लेकिन आम लोगों तक सस्ते दर में रेत उपलब्ध कराने के लिए नए नियम में कोई भी प्रावधान नहीं रखा गया है। लिहाजा माना जा रहा है कि आम लोगों को नए रेत नियम के तहत भी राहत नहीं मिलेगी। जिले की सभी रेत खदानें एक ही ठेकेदार के अंडर में रहने से रेत के दाम भी वहीं तय करेगा। यानी आम लोगों को रेत के रेट में किसी तरह की राहत नहीं मिलेगी।
18 पंचायत की खदानों से निकल रही रेत
वर्तमान में ग्राम पंचायतों की 20 रेत खदानों में से 18 रेत खदानें अभी भी संचालित हो रही है। वहीं 19 निजी रेत खदानों से भी रेत निकालने का काम चल रहा है। खनिज विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जैसे ही नए निविदाकार द्वारा रेत खदानों से संबधित सभी प्रक्रियाएं पूरी कर दी जाएंगी, पंचायत और निजी रेत खदानों को बंद कर कर दिया जाएगा। पंचायतों की सभी 20 रेत खदानें ठेकेदार को हैंड ओवर कर दी जाएगी।
पार्टनर बनने रसूखदार लगा रहे जुगाड़
रेत के कारोबार में जमकर मुनाफाखोरी होती है। जिसके चलते शासन प्रशासन में पैठ रखने वाले लोग नए रेत ठेकेदार का पार्टनर बनने के लिए जुगाड़ लगा रहे हैं। इन खदानों में पार्टनर बनने के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के लोग भी सक्रिय हैं। जानकारों की माने तो नया निविदाकार प्रदेश के बाहर का होने की वजह से उसे भी रेत के काम को करने के लिए जिले के कुछ रसूखदार लोग चाहिए, लिहाजा अब रेत से जुड़े लोग निविदाकार तक पहुंचने के लिए जोर आजमाइश कर रहे हंै।
2020 तक चलती रहेगी तीन खदानें
नए निविदाकार को भले ही 48 रेत खदानें स्वीकृत कर दी गई हो, लेकिन जिले की तीन रेत खदान फत्तेपुर, धौरहरा और बघारी रेत खदान मार्च 2020 तक चलती रहेगी। इन तीनों खदानों को टेंडर पूर्व में ही 2020 तक के लिए जारी किया गया था। इन तीनों खदानों की समय सीमा पूरी होने के बाद इन खदानों को भी नए निविदाकार के अंडर में कर दिया जाएगा।
इनका कहना है
जिले की सभी 48 रेत खदानें आनंदेश्वर कंपनी को मिली है। रेत खदानों के नियम शर्तों को पूरा करने में अभी कुछ वक्त लग सकता है। हालांकि नए निविदाकार को नियम से संबधित सभी जानकारियों से अवगत करा दिया गया है। जैसे ही पूरी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। सभी रेत खदानें निविदाकार के हैंड ओवर कर दी जाएगी।
- अजय मिश्रा, खनिज निरीक्षक
Created On :   17 Dec 2019 2:41 PM IST