- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सीधी
- /
- गोड़ाही तालाब में घुसा मगरमच्छ,...
गोड़ाही तालाब में घुसा मगरमच्छ, रेस्क्यू के बाद भी नहीं निकला
डिजिटल डेस्क सीधी। जिले के बहरी तहसील अंतर्गत गोड़ाही गांव में दो दिनों से ग्रामीण दहशत में हैं। वन विभाग सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोन नदी में विचरण करने वाले मगरमच्छ ने गांव के तालाब में डेरा डाल दिया है। वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने जाकर मगरमच्छ को पकडऩे का काफी प्रयास किया लेकिन वह हाथ नहीं लगा। पंचायत के सरपंच को सोन घडिय़ाल अधीक्षक ने कहा है कि यदि मगरमच्छ ऊपर आता है तो उसकी जानकारी तत्काल उन्हे दी जाए ताकि वे उसे पकड़वाकर सोन नदी में छोड़वा सकें। अब प्रश्न यह उठता है कि गांव बीच स्थित तालाब में मगरमच्छ कब बाहर आता है इसकी जानकारी के लिए ग्रामीण वहां कब उपस्थित रहेंगे अथवा रात में वह पुन: वापस चला जाएगा। तब अज्ञात जानकारी से मगरमच्छ के होने न होने का भय ग्रामीणों को लगा रहता है। सोन नदी में बने सोन घडिय़ाल अभ्यारण्य का क्षेत्रफल शहडोल जिले के देवलौंद से सीधी जिला को पार करते हुए सिंगरौली जिले के चितरंगी तहसील के अंतिम छोर तक जिसकी दूरी 209 किमी है, यह अभ्यारण्य जाता है जिसमें मगर व घडिय़ाल प्रजाति का निवास स्थान है। इस अभ्यारण्य क्षेत्र में तीन परिक्षेत्र हैं जिसमें रामपुर नैकिन, सीधी व चितरंगी का क्षेत्र कार्यरत हैं। पर्यटन की दृष्टि से बहरी-अमिलिया मार्ग पर बने जोगदहा पुल के इर्द-गिर्द पर्यटको को मगर व घडिय़ाल मटरगस्ती करते दिखाई देते हैं। अभ्यारण्य सोन घडिय़ाल में मगरमच्छों की मादा प्रजाति ही ज्यादातर होने की बात बताई जाती है। इस संबंध में अभ्यारण्य सूत्रों ने बताया कि वयस्क अवस्था में ही इनके नर व मादा होने की जानकारी का आभास हो पाता है। वैसे अभी तक की गणना से पता चलता है कि सोन घडिय़ाल में मादा प्रजाति के ही मगरमच्छ हैं। सोन घडिय़ाल क्षेत्र के जोगदहा घाट से सटा वन क्षेत्र होने की वजह से गोड़ाही गांव लगा है। मगरमच्छ अपने वातावरण को अनुकूल बनाने के हिसाब से ही सैर सपाटा करता है। मौसम बदलने के साथ ठंड की शुरूआत होने लगी है, जिससे वह मगरमच्छ शायद भटककर गोड़ाही गांव के तालाब में जा बसा है। वैसे विभाग के द्वारा लगातार पैनी नजर रखी जा रही है। लेकिन रेस्क्यू करने के बाद भी मगरमच्छ उनके नेट में नहीं आ सका। अब देखना यह है कि विभाग कब तक उस मगरमच्छ को तालाब से निकालकर सोन नदी में पहुंचा पाता है। सोन नदी में प्रवासी पक्षी इंडियन स्कीमर भी ठंड के मौसम में पहुंचते हैं। इनका प्रजनन काल भी ठंड में ही होता है। ये पक्षी मध्यप्रदेश के चंबल क्षेत्र में ज्यादातर पाए जाते हैं जो अनुकूल वातावरण देखकर सोन नदी में भी प्रजनन काल के दौरान डेरा जमाते हैं।
इनका कहना है
लगातार गोड़ाही सरपंच व अन्य ग्रामीणों से सम्पर्क किया जा रहा है कि जब कभी भी तालाब के पानी से बाहर मगरमच्छ दिखाई दे, तो तत्काल मोबाइल द्वारा सूचना दी जाए। जिससे तुरंत मंगरमच्छ को रेस्क्यू करके पुन: सोन नदी में छोड़ा जा सके।
निकुंज पाण्डेय अधीक्षक सोन घडिय़ाल सीधी
Created On :   30 Sept 2021 2:25 PM IST