निजी अस्पताल में हुआ प्रसव ,नर्स ने दस दिन बाद दर्शाशा सरकारी अस्पताल में 

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निजी अस्पताल में हुआ प्रसव ,नर्स ने दस दिन बाद दर्शाशा सरकारी अस्पताल में 

डिजिटल डेस्क छतरपुर । शहर के एक निजी अस्पताल में हुए प्रसव को दस दिन बाद शासकीय अस्पताल में प्रसव दर्शाकर प्रसूति सहायता राशि का लाभ लेने का मामला सामने आया है। पूरा मामला पीएचसी रामटौरिया का है, जहां पदस्थ नर्स और प्रसूता के परिजनों ने मिलकर दस दिन पूर्व हुए प्रसव को सरकारी अस्पताल में दर्शाकर प्रसूति राशि स्वीकृत करा ली। 
तहसील बड़ामलहरा के सड़वा गांव निवासी पूनम पिता अशोक कुशवाहा उम्र 23 साल का प्रसव 30 अगस्त को मिशन हास्पीटल छतरपुर में हुआ था।  जिसके दौरान पूनम एक सुंदर बच्चे को जन्म दिया। प्रसव निजी अस्पताल में होने से प्रसूता को प्रसूति सहायता योजना का लाभ नहीं मिला। तब प्रसूता के परिजनों ने जिला मुख्यालय से 110 किमी दूर स्थित पीएससी रामटौरिया की स्टाफनर्स से मिलीभगत कर प्रसव के 10 दिन बाद यानी 9 सितम्बर को प्रसव होना दर्शाया और स्टाफ नर्स ने प्रसव पूर्व जांचे एवं प्रसूव के बाद टीकाकरण रिपोर्ट संलग्र कर उसे भुगतान हेतु सीएचसी बड़ामलहरा भेज दिया। जहां प्रसूता का नाम स्वीकृत प्रकरण की लिस्ट में आ गया। इसी बीच किसी के द्वारा बीएमओ को पूरे मामले की शिकायत की गई, तब बीएमओ ने वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत कराया है। 
प्रसूति सहायता योजना का दुरुपयोग 
 सरकार द्वारा शासकीय अस्पताल में प्रसव होने पर 12 हजार रुपए मदद का प्रावधान है, जबकि प्रसव पूर्व 4 हजार रुपए जांच के समय हितग्राही को मिलते है। इन्हीं 12 हजार रुपयों के लिए स्टाफ नर्स और हितग्राही ने पीएचसी रामटौरिया में प्रसव होना दर्शा दिया। सूत्रों के अनुसार इस पूरे मामले में स्टाफनर्स को हितगा्रही ने 4 हजार रुपए दिए हंै। वहीं प्रश्न यह है कि प्रसूता सड़वा की निवासी है जबकि प्रसव रामटौरिया में होना दर्शाया है, ऐसे में अगर प्रसूता का प्रसव होता तो 10 किमी पर सीएचसी बड़ामलहरा है मगर सड़वा और रामटौरिया की दूरी 60 किमी से अधिक है।
नर्स बोली-मेरे खिलाफ साजिश 
स्टाफ नर्स प्रीतु दुबे ने बताया कि मेरे खिलाफ साजिश की जा रही है। 9 सितम्बर को रात में महिला अस्पताल आई थी। तब मैंने महिला को इलाज दिया था। सुबह मुझे पता चला कि इसका बच्चा कई दिन पूर्व हुआ था। तब मैं रजिस्टर में एंंट्री कर चुकी थी, इसलिए स्टाम्प पेपर हितग्राही से शपथ पत्र लिखवाया है। 
इनका कहना है
निजी अस्पताल में हुए प्रसव को सरकारी अस्पताल में प्रसव दर्शाकर रिपोर्टिंग करने का मामला सामने आया है। इसकी जांच की जा रही है, वरिष्ठ अधिकारियों को मामले से अवगत करा दिया है। 
-हेमंत मरैया , बीएमओ, सीएचसी बड़ामलहरा

Created On :   27 Sep 2019 8:17 AM GMT

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