सोन की सहायक नदियों में जा रहा नगर का गंदा पानी  - नोटिस तक सिमट कर रह गई वैकल्पिक व्यवस्था की कार्रवाई 

Dirty water of the city going into the tributaries of Sone - action limited to notice
सोन की सहायक नदियों में जा रहा नगर का गंदा पानी  - नोटिस तक सिमट कर रह गई वैकल्पिक व्यवस्था की कार्रवाई 
सोन की सहायक नदियों में जा रहा नगर का गंदा पानी  - नोटिस तक सिमट कर रह गई वैकल्पिक व्यवस्था की कार्रवाई 

डिजिटल डेस्क अनूपपुर । नगर से निकलने वाला सीवर का गंदा पानी सोन की सहायक नदियों चंदास और तिपान को प्रदूषित कर रहा है। आगे चलकर यह गंदगी सोन में मिल रही है। बीते कई वर्षों से नगर की गंदगी इन नदियों में मिल रही है, जिसके चलते नदियों में प्रदूषण बढऩे के साथ ही यह अब आम नागरिकों के  निस्तार के लायक भी नहीं रह गया है। दूसरी ओर प्रशासन की कार्रवाई सिर्फ नोटिस जारी करने तक ही सीमित रह गई है। 
 अनूपपुर नगर चारों ओर से नदियों से घिरा हुआ है। भौगोलिक स्थिति के कारण नगर की ढाल चंदास नदी की ओर है। वार्ड क्रमांक 4 से होकर चंदास नदी गुजरती है और महज 2 किलोमीटर बाद ही सोन में समाहित हो जाती है। पटौरा टोला में पार्क के बीचोंं बीच निकलने वाली नाली को चंदास नदी मेें मिलाया गया है। इसी नाली से शहर की गंदगी चंदास नदी में मिलती है। आगे चलकर यही गंदगी सोन में मिल जाती है। गंदे पानी को रोकने के इंतजाम नपा द्वारा कभी नहीं किए गए। जनवरी 2019 में एसडीएम अनूपपुर कमलेश पुरी द्वारा नपा को नोटिस जारी करते हुए वैकल्पिक व्यवस्था कराने की बात कही गई थी, लेकिन इसके बाद से न तो प्रशासन ने ध्यान दिया और न ही नगर पालिका ने कोई वैकल्पिक इंतजाम किए। 
विरोध दरकिनार 
नगर में अंडर ब्रिज के समीप ही स्टाप डेम बनाकर चंदास की धार को रोका गया है। स्टाप डेम से 200 मीटर दूर चंदास में मिलने वाली शहर की गंदगी के कारण पटौरा टोला के लोग अब नदी के पानी को उपयोग में नहीं ला रहे हैं। स्थानीय वार्डवासियों के साथ ही इससे लगे ग्रामीण क्षेत्र में भी स्थानीय लोगों तथा मवेशियों का निस्तार प्रभावित हो रहा है। इसको लेकर लोगों के द्वारा अपना विरोध जताते हुए कई बार नाली का पानी नदी प्रवाहित कराए जाने पर रोक लगाने की मंाग की गई। पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। नगरपालिका अनूपपुर के द्वारा जिला मुख्यालय से लगे ग्राम बर्री में नगर से निकलने वाले कचरे व गंदगी को संग्रहित करने के लिए ट्रेचिंग ग्राउंड बनाया गया है। यह तिपान नदी के तट से लगा हुआ है। प्रतिदिन यहां औसतन 15 टन टन कचरा डम्प किया जाता है। गीले और सूखे कचरे के साथ ही जिला चिकित्सालय से निकलने वाले जैविक कचरे को भी यहीं फेंका जाता है। हवा और जानवरों के द्वारा गंदगी नदी की सीमा तक पहुंच रही है। पालीथिन के साथ ही तेज हवा में उड़कर जैविक कचरा भी नदी में पहुंंचता है जो तिपान के माध्यम से सोन नदी में जाकर मिलता है। 
इनका कहना है
इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है। शीघ्र ही इस समस्या का स्थाई समाधान कराया जाएगा
राममिलन तिवारी सीएमओ नपा अनूपपुर
 

Created On :   4 July 2020 10:05 AM GMT

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